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बुराई
बुदबुद
१२८८ बुदबुद-संज्ञा, पु. (सं०) बुलबुला, बुल्ला। बुनना- स० क्रि० दे० (सं० वयन ) बिनना, बुद्ध-वि० (सं०) जागा हुआ, जागरित, जुलाहों के सूतों से कपड़ा बनाने की क्रिया, विद्वान, पंडित, ज्ञानी, सचेत । संज्ञा, पु०- वस्त्र बनाना । द्वि० रूप-चुनाना, प्रे० रूपशाक्य वंशीय राजा शुद्धोदन और रानी बुनवाना, चुनावना। माया के कुमार गौतम जो बुद्धमत के प्रवर्तक बुनाई -- संज्ञा, स्त्री० ( हि० बुनना + ई-प्रत्य० ) एक महात्मा हुए, (१५० पू० ई०)। बुनावट, बुनन, बुनने की मजदूरी या क्रिया। इनका जन्म कपिलवस्तु के लुबिनी नगर बुनावट --संज्ञा, स्त्री० (हि. बुनना+प्रावट में ( नेपाल तराई ) हुआ था (इति०)। प्रत्य० ) बुनाई बुनन, बुनने का भाव, बुद्धि-संज्ञा, स्त्री० (सं०) विवेक शक्ति, ज्ञान, बुनने में सूतों के मिलाने का ढंग । समझ. उपजाति वृत्त का १४ वाँ भेद, एक बुनियाद-संज्ञा, स्त्री. (फा०) नींव, जड़, छंद. लक्ष्मी, छप्पय का ४२ वाँ भेद (प.)। मूल, वास्तविकता। बद्धिपर-वि० (सं०) समझ से बाहर या बुकना ---अ० क्रि० दे० (अनु० ) चिल्ला दुर, जहाँ बुद्धि न पहुंचे।
चिल्ला कर रोना, ढाड़ मारना, सुलग सुलग बुद्धिमत्ता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) समझदारी, कर बलना। होशियारी, अक्लमन्दी।
बुधुकारी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( अनु० बुबुक-+ बुद्धिमान-वि० (सं०) बहुत होशियार या पारी-प्रत्य० ) ज़ोर से चिल्लाना, फूट फूट समझदार, बड़ा अक्लमन्द ।।
। कर या ढाड़ मार कर रोना। "बाल बुबुबुद्धिमानी-संज्ञा, स्त्री. (सं०) बुद्धिमत्ता. कारी दै दै तारी दैदे गारी देत'- कविः । होशियारी अक्लमंदी, समझदारी। बुभुक्षा---संज्ञा, स्त्री. (सं०) भूख, क्षुधा। बद्धिवंत- वि० (सं०) बुद्धिमान, समझदार, बुभुतित--वि० (सं०) चुधित, भूखा । "बुभुबुद्धिवान् (दे०)।
शितः किन्न करोति पापम्।” बुद्धिहीन-वि० यौ० (सं०) मूर्ख. अज्ञानी, बुयाम-संज्ञा, पु० (अं०) चीनी मिट्टी का बेसमझ, निर्बुद्धि ।
बना एक पात्र, गोल, ऊँचा जार । बुध-संज्ञा, पु० (सं०) चंद्र सुत, सूर्य के सब बुरकना--स० क्रि० ६० (अनु०) किसी वस्तु से अधिक समीप रहने वाला एक ग्रह, पर चूर्ण आदि छिड़कना, भुरभुराना : द्वि० (ज्यो०), देवता, पंडित, विद्वान, ज्ञानी । रूप-बुरकाना, प्रे० रूप-चुरकवाना । नौग्रहों में से चौथा ।
बुरका--संज्ञा, पु० (अ०) मुपलमान स्त्रियों बुधजामी-संज्ञा, पु. (सं० बुध + जन्म का एक कपड़ा जो सिर से पैर तक सारे हि.) बुध के पिता चंद्रमा ।
शरीर को ठाँक लेता है। बुधवान्, बुद्धवान् - वि० (सं०) बुद्धि- रा--वि० दे० (सं० विरूप ) ख़राब, निकृष्ट, मान, ज्ञानी, समझदार !
मंदा, अधन । मुहा०-बुरा माननाबुधवार-संज्ञा, पु. (सं०) मंगलवार और द्वेष रखना, जलना, नाराज होना । यो०गुरुवार के बीच का एक दिन, रविवारादि बुरा-भला, नेकोनादी-हानि-लाभ, खोटासात दिनों में से चौथा दिन ।
खरा, गाली गलौज । अच्छा-बुरा-लानत धि -संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं. वुद्धि) बुद्धि मलामत, गाली-गलौज। अकल, समझ । यौ० ---सुविधि । “निज बुराई संज्ञा, स्त्री० (हि.बुरा+ ई-प्रत्य०) बुधि-बल भरोस मोंहि नाही"- रामा०। दोष, नोटापन, श्रनभल, ख़राबी, ऐव,
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