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फुही, फुहीर १२०७
फूत्कार कारण, पानी के सूचम कणा या धार वेग से | फूया, फुधा--संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० फूफी) ऊपर निकलते हैं, फवारा।
बुधा, फूफी। फुही, फुहीर-संज्ञा, स्त्री० (दे०) फुहार (हि.) फूट-संज्ञा, स्त्री० (हि० फूटना) फूटना 1- संज्ञा, स्त्री. ( अनु० ) साँप की फुस- क्रिया का भाव, विरोध, बिगाड़, भिन्नता, कार।
| अलगाव, मत-भेद, एक बड़ी मोटी, पकी फॅक-संज्ञा, स्त्री० ( अनु० फँ फँ) संकुचित ककड़ी। मुँह से वेग के साथ छोड़ी वायु, साँस ।
| फूटना-क्रि० अ० दे० ( सं० फुटन ) किसी मुहा०-- फूक निकल जाना-प्राण या
कड़ी वस्तु के आघात से किसी खरी, नरम जान निकल जाना । मंत्र पढ़ कर मुँह से
वस्तु का टूट जाना, फट जाना, करकना, छोड़ी हुई हवा । यौ०-झाड़-क-मंत्र
दरकना, मुंह से शब्द निकलना, नष्ट होना, तंत्र का उपचार।
बिगड़ जाना, पोली या नर्म चीज़ से भरी फंकना--स० क्रि० दे० ( हि० फूंका )
वस्तु का फटना, कली का खिलना, अंकुर
या नये पत्ते शाखादि का, निकलना, संकुचित मुँह से बड़े वेग से वायु छोड़ना ।
प्रस्फुटित होना, विखरना । मुहा०---फूट द्वि० स० रूप०-फुकाना, प्रे० रूप
( फूट-फूट) कर रोना-विलाप करके फैकवाना । मुहा०-फंक फॅक
रोना। फूट मिलना-किसी स्वजन से कर पैर रखना या चलना-कोई काम
विरोध कर विलग हो उसके शत्रु से ना बड़ी सतर्कता या सावधानी से करना ।
मिलना।" फूट मिलिगो बिभीषन है"। मंत्रादि पढ़ कर किसी पर फूक डालना,
फूट पड़ना (होना)-विरोध होना शंख, बाँसुरी आदि को फूक कर बजाना,
या बढ़ना, विगाड़ या विलगाव होना। फूंक कर आग जलाना. भस्म करना, अप
फूट रहना ( जाना)-विरोध से अलग व्यय या व्यर्थ खर्च करना, उड़ाना, गुरु-मंत्र
हो जाना, विगाड़ या विरोध रहना, देना । मुहा०-कान कना-गुरु
(विरोध से बिलग हो जाना )। फूट मन्त्र या दीक्षा देना। यौ०-फंकना
होना-बिगाड़ या विरोध होना, विलगाव तापना-व्यर्थ खर्च कर देना।
होना । फूट डालना-बिगाड़ या बैर फका-संज्ञा, पु. (हि. फूक ) जलन पैदा
पैदा करा देना । एक पक्ष छोड़ दूसरे में हो करने वाली दवा भर कर स्तन में लगा बाँस
जाना, देह पर दाने या घाव निकल पाना, की नली से फूंक कर गाय आदि का सब
सवेग फोड़ कर बाहर आना, व्याप्त होना, दूध निकालने की विधि, फूका मारने की
व्यक्त या प्रगट होना । मुहा०-भेद नली, फफोला, किसी वस्तु में मुंह की
फूटना-गुप्त बात का प्रगट हो जाना, फूक भर देना।
फूटी आखों न भाना (सुहाना )फंकारना-प्र. क्रि० (दे०) फनफनाना, | रंच भी न सुहाना, बुरा लगना। फूटी फुफकारना, फुसकारना, क्रोध का निश्वास ।
पाखों न देख सकना-बुरा मानना, फूद-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. फुदना )। कुढ़ना, जलना । बाँध श्रादि का टूट जाना, फुदना, झब्बा।
जोड़ों में पीड़ा होना। लो०-फूटी सहें कँदाह-संज्ञा, पु० दे० (हि० फुदना) पर प्रांजी न सहें-थोड़ी न सह कर बड़ी फुदना, झब्बा, फंदा। यौ०-फूदफुदारा हानि या पीड़ा सहना।। -फुदने वाला, फुकुंदी। स्त्री० फु दी। फूत्कार--संज्ञा, पु. ( सं० ) फुफकार,
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