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पेट
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पेट को बात - छिपा भेद, भेद की बात, मर्म, सच्चा रहस्य इरादा । पेट को दुख देना ( दुग्बाना ) -- पेट भर न खाना । पेट की आग-भूख । पेट की आग बुझाना - भोजन करना, खाना। पेट खलानाबहुत दीनता दिखाना, भूखे होने का संकेत करना । पेट गड़बड़ाना - पेट में पीड़ा या दर्द होना | पेट गिरना ( गिराना ) - गर्भपात या गुप्त भेद होना ( करना) । पेट खोलना पेट की बात बताना | पेट चलना -- प्रतीसार होना, दस्त आना, रोजी चलना, निर्वाह होना पेट जलना - बहुत भूख लगना । पेट दिखाना - दीनता प्रगट करना । पेट दुखना - पेट में दर्द होना । पेट देना - मन का भेद खोलना, मार्मिक बात बताना । पेट पालना- किसी प्रकार निर्वाह करना, दिन काटना। पेट का पीठ से लगना, (पेट-पोठ एक होना) - दुर्बल या पतला होना, भूखा होना । पेट पोंछना - सबसे अन्तिम संतान होना । पेट पोंसू - पेटू. खाऊ । पेट फूलना - गर्भवती होना ( स्त्री के लिए), बहुत उत्सुकता या हँसी के कारण पेट में हवा भर जाना, अफ़रा या पेट में वायु का प्रकोप हो जाना | पेट ( बढ़ना) बढ़ाना ( पेट बढ़ा होना ) -- प्रति लालच या लोभ ( होना ) करना । पेट बांधना - कम खाना । पेटभरना - श्रधा जाना, तृप्त होना, रूखा-सूखा भोजन करना, आवश्यकता न होना, अधिक बेस्वाद खाना | पेट मारना या मार कर मर जाना - श्रात्मघात करना । पेट मारना -- श्रात्मघात करना, किसी की जीविका नष्ट करना । पेट में दाढ़ी होना-लड़कपन ही में बहुत चतुर होना । पेट में डालना ( के हवाले करना) (पेट को भेट या अर्पण करना) -खा जाना । रु काँची ही पेट को भेंट करी है " । पेट में पानी होना-
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पेटक
भोजन का ठीक पाचन न होना। पेट में पाँव होना - बहुत कपटी या छली होना, चालाक या चालबाज़ होना (कोई वस्तु ) पेट में होना - गुप्त रूप में या छिपे तौर पर होना । पेट से पांच निकालनाबहुत इतराना, बुरे पंथ में लगना । पेट में पैठना - बड़े मित्र बनना, भेद लेना । पेट में रखना - खा लेना, किसी बात को गुप्त ( अपने ही अन्दर ) रखना | पेट से न निकालना -- -- न कहना । पेट में लेना -- सहना, झेलना | पेट में हाय समाना - शोक या भय से अति प्रभावित होना । पेट लग जाना - भूखों मरना । पेट लग रहना -- भूखे रहना । पेट लेना ( जानना ) --- भेद लेना ( जानना ) | पेट से सीखना स्वभावतः सीख नाना । पेट हड़बड़ाना - पेट-रोग होना । संज्ञा, पु० (दे०) गर्भ, हमल । लां०- "दाई से पेट छिपाना"- ज्यों दाई सो पेट " । पेट गिरना ( गिराना ) - गर्भपात होना या कराना ( करना ) । मुहा० - पेट रहना - गर्भ या हमल रहना । वि०-पेटवाली - गर्भवती । मुहा० - पेट से होना ( पेट होना ) गर्भवती होना । भोजन के रहने और पचने की थैली, पचौनी, श्रोभरी ( प्रान्ती०) अंतःकरण, मन । मुहा० - पेट में क्या है - मन में क्या है। पेट देखनामन देखना। मुहा० - पेट गुड़गुड़ाना-वायु-दोष से पेट में शब्द होना । मुहा०पेट में घुसना - गुप्त भेद जानने को मेल बढ़ाना | पेट में बैठना या पैठना- गुप्त भेद जान लेना । पेट में होना -- मन में या ज्ञान में होना । पोली चीज़ के बीच का भाग, समाई, गुंजाइश, जीविका, भोजन । मुहा० - पेट के लिये (कारण) रोजी या जीविका के अर्थ या हेतु ।
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Q-
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पेटक- संज्ञा, पु० (सं०) मंजूषा, पिटारा, समूह, राशि !
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