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नहरुमा नष्ट-वि० (सं०) जो नाश हो गया हो, जो नसावना ---अ० कि० दे० (सं० नाश) दिखाई न दे, नीच, व्यर्थ, प्रस्तारादि की बिगाड़ना, खराब या नष्ट करना। एक क्रिया (पि.)। यो०-नष्ट-प्राय- नसीनी, नसेनी-नसैनी-संज्ञा, स्त्री० दे. लगभग नष्ट ।
(सं० निः श्रेणी) सीढ़ी। नष्टता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) नष्ट होने का भाव नसीब, नसीबा-संज्ञा, पु. (म.) भाग्य, दुराचारिता, व्यर्थता।
प्रारब्ध, तकदीर, किस्मत । मुहा०नष्टबुद्धि-वि० यौ० (सं०) मूर्ख, मूद। नसीब होना-मिलना, प्राप्त होना । नष्टभ्रष्ट--वि• यौ० (सं०) जो बिलकुल नसीब जागना ( फूटना)-भाग्य उदय नाश, खराब या बरबाद हो गया हो। (मंद) होना। संज्ञा, पु. (दे०) अभाग्य, नष्टा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) वेश्या, रंडी, कुलटा दुर्भाग्य। व्यभिचारिणी।
नसीबवर-वि० ( अ० ) भाग्यवान । नसंक-वि० दे० (सं० निःशंक ) निडर, नसीहत-संज्ञा, स्त्री० (अ०) सीख, शिक्षा। निर्भय, बेधड़क, निमंक (दे०)। नसूर, नासूर-संज्ञा, पु० (दे०) पुराना घाव, नस- संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० स्नायु) नाड़ी. नस पर का घाव । रंग । मुहा०-सूखी नसों का रक्त- नसूढ़िया-वि० (दे०) अमंगलकारी, बुरा, प्राण-प्रिय (प्रि० प्र०)। मुहा०-नस मनहूस । चढ़ना या नस पर नस चढ़ना-रग में नस्ता-संज्ञा, स्त्री० (दे०) नाक का छेद, बरद होना । नस २ में-सारे शरीर में। नथुना। नस २ फड़क उठना = अति प्रसन्न होना। नस्य-संज्ञा, पु० (सं०) सुंघनी, नास । (सूखी) नसों में रक्त दोड़ना-जोश नस्वर*-वि० दे० (सं० नश्वर) नाशवान। या नया जीवन आना।
न है, नहाँ--संज्ञा, पु० दे० (सं० नख ) नसतरंग-संज्ञा, पु० यौ० (हि० नस । तरंग) नाखून । यौ०-नहँ-विष । जैसा एक बाजा।
नहछू, नहँछुर--- संज्ञा, पु० दे० (सं० नखक्षौर) नसतालोक-संज्ञा, पु० (अ.) स्वच्छ और व्याह में वर के नाखून काटने की एक रीति सुन्दर लिपि या लेख ।
या रस्म, नाखुर (ग्रा०)। नसना -अ० क्रि० दे० (सं० नशन ) नाश नहन-संज्ञा, पु० (दे०) पुर खींचने की मोटी या नष्ट होना, खराब वा बरबाद होना। रस्सी, नार (ग्रा०) । संज्ञा, पु० (दे० दहना) बिगड़ जाना । क्रि० वि० दे० (हि. नटना) नाँधना, जोतना। भागना । प्रे० रूप----सवाना। नहना-स० कि० दे० (हि० नाधना ) नसल, नस्ल--संज्ञा, स्त्री० (अ.) जाति. जोतना, नाधना, काम में लगाना । वंश, कुल, धौलाद ।
नहर--संज्ञा, स्त्रो० (फा० ) वह कृत्रिम जल मसपार-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. नास+वार धारा जो किसी नदी या झील से खेतों की
-प्रत्य०) नास, सुंघनी, पिसी तमाकू ।। सिंचाई के लिये निकाली गई हो। नसाना क्रि० प्र० दे०(सं० नाश) नष्ट, नहरन, नहरनी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० नख+ खराब या बरबाद हो जाना, बिगड़ जाना। हरणी) नाखून काटने का हथियार, नहन्नी ७० क्रि० (दे०) नष्ट करना, बिगाड़ना, (ग्रा०), 'नहरन हू टूटो रहै"..-कुं० वि० । नठाना (ग्रा.)। "अबलौं नसानी बना नहरुमा--संज्ञा, पु० (दे०) एक रोग जिसमें बसैहौं'-सूर०।
घाव से सूत जैसे कीड़े निकलते हैं। मा. २००-२४
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