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नामधारी
नार घाम ) नाम और स्थान । यौ० नाम-ग्राम | नाम्ना-वि० ( सं० ) नाम वाला। (स्त्री० -पता, ठिकाना।
नाम्नी)। नामधारी-वि० यौ० (सं०) नामक, नाम नायँ, नाव--संज्ञा, पु० दे० (हि. नाम ) वाला, नामी।
नाम । अव्य० (दे०) नहीं। नामधेय-संज्ञा, पु. (सं०) नाम, संज्ञा । नाय-पू० का० स० कि० (दे० नाना ) फैला वि० नाम वाला, नाम का। “चौरैः कर, नवा कर. नाइ (ब)। प्रभोवलिभिरिन्द्रिय नामधेयैः --शं० । नायक-संज्ञा, पु० (सं०) नेता, अगुना, नामनिशान (नामोनिशाँ)--संज्ञा, पु. यौ० स्वामी, सरदार, अधिपति, वह पुरुष जिसके (फ़ा०) नाम और पता।
चरित्र पर नाटक बना हो, संगीत में कलानाम-बोला--संज्ञा, पु० यौ० (हि. नाम+
वन्त, एक छन्द (पिं०)। “देखत रघुनायक बोलना ) ईश्वर का नाम लेने वाला, भक्त । जन-सुखदायक संमुख होइ कर जोरि रही" नामर्द-वि० (फ़ा०) क्लीव, नपुंसक, हिजड़ा,
-रामा०। "तरुन सुघर सुन्दर सकल कामकायर, डरपोक । संज्ञा, स्त्री. नामदीं। कलानि प्रवीन । नायक सो 'मतिराम' कह, नामलेवा--संज्ञा, पु. यौ० दे० ( हि नाम | कवित-गीत-रस-लीन" । स्त्री० नायिका।
+लेना ) नाम लेने या याद करने वाला, | नायन,नाइन--संज्ञा, स्रो० (हि. नाई) नाइनि, वारिस, उत्तराधिकारी।
नाई की स्त्री, नाउनि, नउनिया (प्रा०) । नामवर-वि० (फा०) जिसका नाम बहुत नायब-संज्ञा, पु. (१०) सहायक, मुनीम । विख्यात या प्रसिद्ध हो, प्रसिद्ध, विख्यात, संज्ञा, स्त्री० नायबी, नयाबत (पु.)। नामी। संज्ञा, स्त्री. नामवरी।
नायाब- वि० (फ़ा०) दुर्लभ, अत्युत्तम, श्रेष्ठ । नामशेष-वि• यौ० (सं०) जिसका केवल | नायिका--संज्ञा, स्त्री० (सं०) अत्यन्त सुन्दरी नाम ही शेष हो, ध्वस्त, नष्ट, मृत । रूप-गुण-युक्त स्त्री, वह प्रधान स्त्री जिसका नामांकित-वि० यौ० (सं०) जिस पदार्थ पर चरित्र नाटक में हो। "उपजतजाहि विलोकि किसी का नाम लिखा, छपा या खोदा हो। कै, चित्त बीच रस-भाव । ताहि बखानत नामाकल-वि० यौ० (फा० ना+अ० माकूल) | नायिका, जो प्रवीन कविराव"-मतिः । अयोग्य, अनुचित, प्रयुक्त ।
नायिकी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) नायक की स्त्री, नामा-वि० दे० (सं० नामन् ) नामधारी, | दूती, कुटिनी, नायक का भाव या काम । नामक । संज्ञा, पु० (प्रान्ती०) रुपये आदि | नारंग-संज्ञा, पु. (सं०) नारंगी। का भांज।
नारंगी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० नागरंग, अ. नामावली-संज्ञा, स्त्री० (सं०) नामों की पंक्ति, नारंज ) नारंगी का पेड़ या फल, नारंगी के पत्र या सूची, रामनामी वस्त्र ।
छिलके सा पीला-लाल मिला रंग। नामित-वि० (सं०) नवाया, लचाया हुआ। नार-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० नाल) गरदन, नामी-वि० (हि. नाम+ई-प्रत्य० अथवा ग्रीवा । मुहा०-नार नघाना या नीचा सं० नामन् ) नामवाला, नामधारी, विख्यात, करना-सिर या गर्दन झुकाना, नीची दृष्टि प्रसिद्ध ।
करना, जुलाहों की ढरकी, नाल । सिंज्ञा, नामुनासिष-वि० (फा०) अयोग्य, अनुचित । पु. आँवलनाल, नाला, बहुत मोटा रस्सा, नामुमकिन-वि० (फा०+१०) असम्भव । इजारबन्द, जुवा जोड़ने की रस्सी। १ संज्ञा, नामूसी-संज्ञा, स्त्री० (अ० नामूस = इज्जत) | स्त्री० दे० (सं० नारी) स्त्री, एक छन्द (पिं०) अप्रतिष्ठा, बेइज्जती, बदनामी।
झुण्ड, (पराभों का)।
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