________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
-
दिङ्नाग
८६१
दिनामान दिङ्नाग-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) दिग्गज, दिन चढ़ना-सूर्य उदय होना या
कालिदास का विरोधी, एक बौद्ध नैयायिक । निकलना । दिन छिपना या ड्रबनादिच्छित-दिछित-दीवित-संज्ञा, पु. शाम या साँझ होना। दिन ढलनाद० (सं० दीक्षित) दीक्षित, ब्रह्मणों की साँझ का समय पास आना। दिन दहाड़े पदवी या जाति।
या दिन दिहाड़े-विशेष करके दिन के दिजराज -संज्ञा, पु. यौ० दे० ( . समय । दिन दुना रात चौगुना होना द्विजराज ) ब्राह्मण, चन्द्रमा ।
या बढ़ना--शीघ्र बहुत बढ़ना, अति दिठवन -- संज्ञा, स्त्री० यौ० दे० (सं० उन्नति पर होना। दिन निकलना-सूर्य
देवोत्थान) कार्तिकसुदी एकादशी, देउथान । उदय होना। यौ०---रात-दिन, रातौ दिन दिठा-दिठी-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (हिं. ----सदा, सर्वदा । दिन जाते देर नहीं देखादेखी ) देखा-देखी, किसी को कुछ करते लगतो-समय शीघ्र बीतता है। " दिवस देख वही करना।
जात नहि लागै बारा"-रामा० । मुहा० दिठाना-अ० क्रि० दे० (हिं. दीठ ) बुरी
-दिन दिन या दिन पर दिन-प्रतिदीठ या नज़र लगाना।
दिन, नित्य-प्रति । मुहा०-दिन काटना, दिठौना-संज्ञा, पु० दे० (हिं. दीठ+ पूरे करना या गिनना-समय बिताना, प्रौना---प्रत्य० ) लड़कों के माथे पर दृष्टि-दोष गुजर-बसर या निर्वाह करना। दिन बिगड़ना बचाने को काजल की विन्दी।
-बुरा समय होना। दिन धरना-दिन दिठवंद-संज्ञा, पु. यौ० दे० (सं० दृष्टि-बंध)
निश्चित या ठीक करना। दिन चढ़नानज़र बाँधना, दिठबंध ( जादू)।
किसी स्त्री का गर्भवती होना, सूर्योदय से दि -वि० दे० (सं० दृढ़) मज़बूत,
देर होना । दिन फिरना (सुधरना ) पुख़्ता । संज्ञा, स्त्री० (दे०) दिढ़ाई।
--- अच्छा समय आना । दिन भरनादिढ़ाना -स० कि० दे० (हिं. दिढ़-+
बुरा समय काटना । क्रि० वि० (दे०) हमेशा, आना-प्रत्य० ) पक्का या दृढ़ करना। "कहौ
सदा, सर्वदा। सबै भल मंत्र दिदाई "-रामा० । संज्ञा,
दिनअर ... संज्ञा, पु० दे० (सं० दिनकर ) स्त्री० (दे०) दिढ़ता।
सूर्या, दिनकर । दिति-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) कश्यप ऋषि की
दिन-कंत---संज्ञा, पु० यौ० (सं० दिनकांत)
सूर्य, रवि, भानु। स्त्री जिसके पुत्र दैत्य कहाते हैं ।
दिनकर-संज्ञा, पु० (सं०) सूर्य । यौ०दितिसुत-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) दैत्य, दिन-कर-कुल-सूर्य-वंश । दानव, दितिपुत्र ।
दिनचर्या--संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) सारे संज्ञा, पु० दे० (अ. दीदार) दीदार, दिन या दिन भर का काम । दर्शन. भेंट, प्यारा।
दिनदानी-संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) प्रतिदिन दिन -- संज्ञा, पु. ( सं० ) सूर्य निकलने से दान देने वाला। डूबने तक का समय ! महा०—दिन को | दिननाथ -संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) सूर्य । तारे दिखाई देना-इतना कष्ट देना कि दिनपति-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) सूर्य, बुद्धि ठीक न रहे। दिन को दिन रात को दिन-मणि-- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) सूर्य । रात न जानना या समझना-अपने दिनमान-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) दिन का आराम और सुख का कुछ विचार न करना। प्रमाण, सूर्योदय से सूर्यास्त तक का समय ।
For Private and Personal Use Only