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काल-केतु
कालयवन काल-केतु-संज्ञा, पु. या० (सं०) एकराक्षस कालनेमि-संज्ञा, पु० (सं० ) रावण का कालकेय-संज्ञा, पु० (सं० ) वृत्तासुर का मामा, एक राक्षस, एक दानव, जिसने मित्र (राक्षस)।
देवताओं को हरा के स्वर्ग पर अधिकार काल-कोठरी-संज्ञा, स्त्री० या० (सं०) अँधेरी कर लिया था। कालनेमि जिमि रावन
छोटी कोठरी, जिसमें तनहाई के कैदी रक्खे । राहू"-रामा०। जाते हैं, कलकत्ते के फोर्ट विलियम किले | कालपर्णी-संज्ञा स्त्री० ( सं० ) काला की एक तंग कोठरी जिसमें शिराजुद्दौला ने निसोत । अंग्रेज़ों को बंद कर दिया था ( इति० )। काल-पालक-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) समय काल क्रम-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) समया- की अपेक्षा करने वाला, गूढ़नीतिज्ञ । नुसार, समय के मुताबिक़ ।
कालपास--संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) यमकालक्षेप · संज्ञा, पु. यो. (सं० ) दिन पाश, कुछ समय तक जिस नियम से भूतकाटना, निर्वाह, गुजर-बसर ।
प्रेत अनिष्ट न कर सकें। कालखंड-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) परमेश्वर। | कालपुरुष-संज्ञा पु० यौ० (सं०) ईश्वर कालख-कालिख-संज्ञा, पु० (दे० ) का विराट रूप, काल, ज्योतिष शास्त्र, यम
कालिमा. कारिख (दे० ), लहसन, तिल । जो ब्रह्मा के पौत्र और सूर्य के पुत्र हैं, इनके कालगंडेत-संज्ञा, पु० दे० (हि. काला+ | ६ मुख, १६ हाथ, २४ आँखें, ६ पैर हैं,
गंडा ) काली चित्तियों वाला विषधर साँप। इनका रंग काला और वस्त्र लाल हैं। काल-चक्र—संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) समय कालप्रभात-संज्ञा.पुख्यौ० (सं०) शरत्काल ।
का हेर-फेर, ज़माने की गर्दिश, एक अस्त्र । कालबंजर--संज्ञा, पु० यौ० ( हि० काल+ कालज्ञ- संज्ञा पु. ( सं० ) समय की गति बंजर ) बहुत दिनों से न बोई गई भूमि । जानने वाला, ज्योतिषी काल-ज्ञाता, | कालवूत-संज्ञा, पु० ( फा० कालवुद ) कच्चा काल-ज्ञानी।
भराव जिस पर मेहराव बनाई जाती है, काल-ज्ञान-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) स्थिति
चमारों का काठ का साँचा जिस पर चढ़ा और अवस्था की जानकारी, मृत्यु-काल का
कर जूता बनाये जाते हैं। ज्ञान । वि. कालज्ञानी।
कालवला-संज्ञा स्त्री० (सं०) अयोग्य काल, काल-तुष्टि-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) समय
निदित समय । पाने पर सब ठीक हो जायेगा यह विचार
कालबेलिया---संज्ञा पु० ( दे०) साँप को रख संतुष्ट रहना, तुष्टि (सांख्य )
विष उतारने वाला। काल-दंड-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) यमराज कालभैरव-संज्ञा पु० (सं०) शिव के अंश
का दंड। काल-धर्म- संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) मृत्यु,
से उत्पन्न उनके एक मुख्यगण, ब्रह्मज्ञान
शून्य। विनाश, अवसान, समयानुसार धर्म, किसी विशेष समय पर स्वभावतः होने वाला
कालमा--संज्ञा, पु० ( दे० ) सन्देह, व्यापार ।
दुविधा। काल-निर्यास-संज्ञा,पु० (सं०) एक सुगंधित | कालमूल-संज्ञा, पु. ( सं० ) लाल चित्रक पदार्थ, गूगुल ।
औषधि। काल-निशा-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) दिवाली
| कालमेषिका (कालमेषी)-संज्ञा, स्त्री० की रात, अँधेरी भयानक रात, प्रलय-रात्रि, | (सं० ) मजीठ, बाचकी, काला निसोत । मृत्यु-निशा ।
कालयवन-संज्ञा, पु० (सं० ) महर्षि गर्ग
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