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घंटी
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घुरघुरा घुरघुरा- संज्ञा, पु० (दे०) झींगुर, एक मुँह में रखकर धीरे धीरे रस चूसना, गलाना, रोग ।
गरमी या दाब पहुँचा कर नरम करना, घुरघुराना-अ० कि० दे० (अनु० घुर घुर) सुरमा या काजल लगाना, सारना, समय गले से घुर घुर शब्द निकलना।
बिताना। घुरना8-० क्रि० दे० ) घुलना, क्षीण घुलावट-- संज्ञा स्त्री० (हि. घुलना )घुलने होना । अ० कि० दे० (सं० घुर ) शब्द करना, बजना।
घुवा-संज्ञा, पु० (दे० ) सेमर या मदार धुरविनिया--संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि घूरा+ की रुई। बीनना ) धूर से दाना इत्यादि बीन कर या घुसड़ना, घुसना-अ० कि० दे० (सं० कुश गली कूचे से टूटी-फूटी चीजें चुन कर एकत्र = आलिंगन करना या घर्षण ) भीतर बैठना करने का काम । " तुलसी मन परिहरत या जाना, प्रवेश करना, जाना, धंसना, नहिं पुरविनिया की वानि"।
चुभना, गड़ना. अनधिकार चरचा या घुरमना --अ० क्रि० (दे० ) घूमना, चक्कर कार्य करना, मनोनिवेश करना। खाना । “घुरमि घुरमि घायल महि परहीं" घुसपैठ-संज्ञा स्त्री० यौ० दे० (हि० घुसना + -रामा० ।
पैठना ) पहुँच, गति, प्रवेश, रसाई । घराना-अ.क्रि. (दे०) भर पाना । घुसाना-स० कि० ( हि० घुसना ) भीतर
"बड़ि बड़ि अँखियन नींद घुरानी"—स्फु०। घुसेड़ना, पैठाना, फँसाना, चुभाना, घुमित—कि० वि० दे० (सं० घूर्णित ) घुसेड़ना। घूमता हुथा।
| घुस्टराज - संज्ञा पु० (सं०) गंधद्रव्य विशेष । घुलना-कि० वि० दे० ( सं० घूर्णन कुंकुम, कुमकुमा। प्रा० घुलन ) पानी दूध आदि पतली | घुस्की - संज्ञा, स्त्री० (दे० ) कुलटा, वस्तुओं में खूब हिल-मिल जाना, हल दुराचारिणी । होना, घुरना ( ग्रा० ) । मुहा०- घुघट-संज्ञा पु० दे० (सं० गुंठ ) कुल-वधू घुल घुल कर बातें करना-खूब का मुँह ढंकने वाला वस्त्र के सिर पर का मिल-जुल कर बातें करना। द्रवित होना, भाग, बाहिरी दरवाजे के सामने भीतर की गलना, पक कर पिलपिला होना, रोग | ओर वाली दीवाल (परदे की) गुलाम
आदि से शरीर का क्षीणा या दुर्बल होना।। गर्दिश, पोट ।। मुहा०-घुला हुआ-बूदा, वृद्ध । घुल घुघर-संज्ञा पु० दे० (हि. घुमाना) बालों धुल कर काँटा होना-बहुत दुर्बल हो | में पड़ हुये छल्ले या मरोड़ । जाना। घुल घुल कर मरना-बहुत घघर वाले--वि० (हि० चूंघर ) टेढ़े छल्ले
दार, कुंचित, धुंघराले। घुलवाना-स० क्रि० (हि. घुलाना का प्रे०
| घुट-संज्ञा पु० दे० (अनु० घुट घुट) एक बार रूप ) गलवाना, दूषित कराना, आँख में | सुरमा लगवाना, घुलाना । स० कि. (हि. में गले के नीचे उतारी जाने वाली द्रव घोलना का प्रे० रूप) किसी द्रव पदार्थ में
वस्तु की मात्रा। मिलाना, हल कराना।
घुटना स० क्रि० ( हि० घूट ) द्रव पदार्थ धुलाना-(स० क्रि० दे० (हि. घुलना ) का गले के नीचे उतारना, पीना। गलाना, द्रवित करना, शरीर दुर्बल करना, | चॅटी-संज्ञा स्त्री० दे० (हि० चूंट ) एक
दिनों तक कष्ट भो
कर मरना।
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