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मंदिर
चंदिर - संज्ञा, पु० ( सं ० ) चन्द्रमा | चंदेरी - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० चेदि वा हि० चंदेल ) ग्वालियर राज्य का एक प्राचीन नगर, चेदि देश की राजधानी । चंदेरीपति - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शिशुपाल । चंदेल -संज्ञा, पु० (सं० ) तत्रियों की एक शाखा जो पहिले कालिंजर और महोबे में राज्य करते थे ।
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चंद्रवर्म
चंद्र धनु - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) रात्रि में चन्द्रमा के प्रकाश से प्रगट इन्द्र-धनुष । चंद्रधर - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) शिव, शशिधर, चंद्रभाल, चंद्रमौलि । चंद्रप्रभा - संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) चन्द्रज्योति, चाँदनी, चन्द्रिका |
चंद्रवारण - संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) अर्द्ध
चन्द्राकार फलवाला बाण ।
चंद्रबिंदु - संज्ञा पु० ० ( सं० ) अर्द्ध अनुस्वार की बिंदी, ( ) । चंद्रबिंब – संज्ञा, पु०
यौ० ( सं० ) चन्द्रमा
(सं०) पंजाब की
चंदोया - चंदोवा -- संज्ञा, पु० ( दे० ) चंदवा, शामियाना, चाँदनी । “रतन दीप सुठि चारु चंदोवा" - पद्म० । चंद्र - संज्ञा, पु० (सं०) चन्द्रमा, एक की संख्या, मोर पंख की चन्द्रिका, जल, कपूर सोना, १८ द्वीपों में से एक द्वीप (पुरा०) अनुनासिक वर्ण के ऊपर की बिन्दी, टगण का दसवाँ भेद (पिं० ) (IISI) हीरा, आनन्ददायी वस्तु । वि० आनन्द-दायक, सुन्दर । चंद्रक - संज्ञा, पु० (सं० ) चन्द्रमा, चन्द्रमा का सा मंडल या घेरा, चन्द्रिका, चाँदनी, मोर पंख की चन्द्रिका, नाखून, कपूर । चंद्रकला - संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) चन्द्र
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मंडल का सोलहवाँ अंश, चन्द्रमा की किरण या ज्योति, एक वर्णवृत्त, माथे का गहना । चंद्रकांत - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) एक मणि या रत्न जो चन्द्रमा के सामने पसीजता है । विलो०- सूर्यकान्त | चंद्रकान्ता - संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) चन्द्रमा की स्त्री, रात्रि, १५ अक्षरों की एक वर्णवृत्त । चंद्रगुप्त - संज्ञा पु० (सं० ) चित्रगुप्त, मगध देश का प्रथम मौर्य वंशी राजा, गुप्त वंश का प्रसिद्ध राजा ।
चंद्र ग्रहण – संज्ञा, पु० यौ० (सं०) चन्द्रमा
का ग्रहण ।
चंद्रचूड़ - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) शिवजी । चंद्र जोति संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० चंद्र + ज्योति ) चन्द्र- प्रकाश, चाँदनी ।
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का मंडल |
चंद्रभागा - संज्ञा, स्त्री० चना नामी नदी । चंद्रभाल - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) शिवजी । चंद्रभूषण - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) महादेव जी ।
चंद्रमणि - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) चन्द्रकांत मणि उल्लाला छंद । चंद्रमा - संज्ञा, पु० (सं० चंद्रमस ) सूर्य से प्रकाशित रात्रि को प्रकाश देने वाला पृथ्वी का उपग्रह, चाँद, शशि, विधु । चंद्रमा- ललाम - संज्ञा, पु० यौ० ( सं० चंद्रमा + ललामभूषण ) महादेव जी । चंद्रमाला - संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) २८ मात्राओं का एक छंद ।
चंद्रमौलि -- संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) शिवजी । चंद्ररेखा - चंद्रलेखा - संज्ञा, स्त्री० यौ० ( सं० ) चन्द्रमा की कला या किरण, द्वितीया का चन्द्रमा, एक वर्णवृत्त । चंद्रलोक-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) चन्द्रमा का लोक ।
चंद्रवंश - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) चन्द्र-कुल, क्षत्रियों के दो यदि 'शों में एक जो पुरुरवा से प्रारम्भ हुआ था । " सूर्य वंस की वधू चन्द्र-कुल की है कन्या " - रत्ना० । चंद्र - संज्ञा, पु० (सं० ) एक वर्णवृत्त ।
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