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चंद्रवधू चंद्रवधू-चंद्रवधूटी-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) चपना-अ० कि० दे० ( सं० चप् ) बोझ से वीर बहूटी नामक लाल रङ्ग का कीड़ा। दबना, उपकार आदि से दबना। "धरती कहँ चन्द्र बधू धरि दोन्ही'-राम। चंपा-संज्ञा पु० दे० (सं० चंपक ) हलके चंद्रबधू, चंदबधूटी (दे० )।
पीले रंग और कड़ी महक के फूलों का एक चंद्रवार-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) सोमवार । छोटा पेड़, अंग देश की प्राचीन राजधानी चंद्रशाला--संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) एक मीठा केला, घोड़े की एक जाति, रेशम
चाँदनी, सबसे ऊपर की कोठरी। का कीड़ा। चंद्रशेखर-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) शिवजी, चंपाकली-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( हि० चंपा+ चन्दसेखर (दे०)।
कली ) स्त्रियों के गले का एक गहना । चंद्रहार-संज्ञा, पु. (सं० ) गले की एक चंपारण्य-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) वर्तमान . माला, नौलखा हार, चन्दहार।
चंपारन । चंद्रहास-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) खड्ग, चंपू - संज्ञा, पु० (सं.) गद्य-पद्य युक्त काव्य । रावण की तलवार । 'चन्द्रहास मम हरू " गद्य-पद्यमयी वाणी चंपूरित्यभिधीयते " परितापा''-रामा० ।
चंबल-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० चर्मरावती ) चंद्रा-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० चंद्र ) मरने के नदी, नालों के किनारे की एक लकड़ी जिससे समय टकटकी बँध जाने की दशा। सिंचाई के लिये पानी ऊपर चढ़ाते हैं। चंद्रातप-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) चाँदनी, चँवर-संज्ञा, पु० दे० (सं० चामर ) ( स्त्री.
चन्द्रिका, चाँदनीका ताप, चॅदावा, वितान । अल्पा० चँवरी) डाँड़ी में लगा हुश्रा सुरागाय चंद्रपीड़ --संज्ञा, पु० (सं०) उज्जैन के राजा की पूंछ के बालों का गुच्छा, जो राजाओं तारापीड़ के पुत्र।
या देवमूर्तियों पर डुलाया जाता है। चंद्रायण- संज्ञा, पु० (सं० चाँद्रायण ) व्रत मुहा०-चवर ढलना (चलना ) ऊपर विशेष ।
●वर हिलाया जाना । घोड़ों हाथियों के सिर चंद्रावती संज्ञा, पु० (सं०) एक वर्णवृत्त ।।
पर लगाने की कलँगी, झालर, फंदना। चंद्रिका-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) चन्द्रमा का जबरदार -- संज्ञा, पु० दे० (हि. बँवर+ प्रकाश, चाँदनी, कौमुदी, मोर पंख का |
ढारना ) चँवर डुलाने वाला, सेवक । गोल चिन्ह, इलायची, जूही या चमेली।
चंसुर -- संज्ञा, पु० दे० (सं० चंद्रशूर ) हालों एक देवी, एक वर्णवृत्त, माथे का एक भूषण, बेंदी, बेंदा ।
या हालिम नाम का पौधा ।। चंद्रोदय-संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) चन्द्रमा |
च-संज्ञा, पु० (सं० ) कच्छप, कछुआ। का उदय, एक रसायन ( वै० ) चँदोवा ।
चन्द्रमा, चोर, दुर्जन। चंपई-वि० दे० (हि. चंपा ) चंपा के फूल चउहट्ट -संज्ञा, पु० (दे०) चौहट्ट ' चउहह के रंग का, पीले रंग का।
हाट बजार बीथी चारु पुर बहु बिधि चंपक-संज्ञा, पु. (सं०) चंपा, चंपा के बना"-रामा०। फूल, सांख्य में एक सिद्धि।
| चक-संज्ञा पु० दे० (सं० चक्र ) चकई, चंपकमाला-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) एक वर्ण | खिलौना, चक्रवाक पक्षी, चकवा (दे०)। वृत्त ।
चक्र अस्त्र, चक्का, पहिया, बड़ा भूभाग, चंपत-वि० ( दे० ) चलता, ग़ायब, । पट्टी, छोटा गाँव, खेड़ा, पुरवा, किसी बात अन्तर्धान, भाग गया।
की निरंतर अधिकता, अधिकार दखल ।
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