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छकड़ा
६८४ नशा । “मोरे छक है गुरुन को, सुनौ खोलि | छज्जा-संज्ञा, पु० दे० (हि. छाजना या कै कान"--ब्रज।
छाना ) छाजन या छत का दीवार से बाहर छकड़ा-संज्ञा, पु० दे० ( सं० शकट ) बोझ निकला भाग, अोलती, दीवाल से बाहर लादने की बैल-गाड़ी, सग्गड़, लढ़ी, कोठे या पाटन का निकला हुआ भाग । लदिया, (ग्रा० )।
छटकना- अ. क्रि० दे० ( अनु० वाहि. लकड़ी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. छः -- कड़ी)
छूटना ) किसी वस्तु का दाब या पकड़ से छः का समूह, वह पालकी जिसे छै कहार
वेग के साथ निकल जाना, सटकना, दूर दूर उठाते हों, छः घोड़ों या बैलों की गाड़ी,
रहना, अलग अलग फिरना, वश में से छोटी गाड़ी, छुकरिया (ग्रा०)।
निकल जाना, कूदना, छिटकना।। छकना-अ० क्रि० दे० (सं० चकन )
छटकाना-स० क्रि० दे० (हि. छटकना) खा, पी कर अघाना, तृप्त होना, मद्य आदि
दाब या पकड़ से बल पूर्वक निकल जाने पीकर नशे में चूर होना । अ० क्रि० दे०
देना, झटका देकर पकड़ या बन्धन से (सं० चक्र =भ्रान्त ) अचंभे में पड़ना,
छुड़ाना, पकड़ या दबाव में रखने वाली दिक होना, लज्जित । संज्ञा, पु० छाक।
वस्तु को बल-पूर्वक अलग करना। छक्का-संज्ञा, पु० दे० ( सं० अंक ) छः का
छटपटाना - अ० कि० दे० ( अनु० ) बंधन समूह या छः अवयवों से बनी वस्तु, जुए
या पीड़ा के कारण हाथ-पैर फटकारना, का एक दाँव जिसमें फेंकने से छः कौड़ियाँ
तड़फड़ाना, बेचैन या व्याकुल होना, किसी चित्त पड़ें । मुहा०-का-पंजा-चाल- वस्तु के लिये श्राकुल होना। बाज़ी, जुत्रा, छः बुंदियों बाला ताश का
छटपटी---- संज्ञा, स्त्री० दे० ( अनु० ) घबराहट, पत्ता। होश-हवास, संज्ञा, सुधि । मुहा०---
बेचैनी, आकुलता, गहरी उत्कंठा। छक्के छूटना-होश-हवास जाता रहना, बुद्धि का काम न करना, हिम्मत हारना,
छटॉक-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० छः + टंक ) साहस छूटना।
सर के सोलहवें भाग की तौल | "मन लेत छगड़ा-संज्ञा, पु० दे० (सं० छागल) बकरा।
पै देत छटाँक नहीं'-~-घना । "छोटी छगना--संज्ञा, पु० दे० (सं० छंगट = एक
सी छबीली है छटाँक भर'-प० । छोटी मछली) छोटा प्रिय बालक । वि० । छटा-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) दीप्ति, प्रकाश, बच्चों के लिये एक प्यार का शब्द।। शोभा, सौंदर्य, बिजली। छगुनी--छिगुनी-संज्ञा, स्त्री० ( हि० छोटी छठ-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० पटी ) पक्ष की
+उँगलो) कनिष्ठिका, कानी अँगुली।। | छठवीं तिथि। छछिया-छिया-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० कठा-वि० दे० ( सं० पाठ ) पाँच वस्तुओं के - छाँछ ) छाँछ पीने या नापने का छोटा
आगे की वस्तु, छटवां (दे०)। स्त्री० पात्र । "छछिया भर छाँछ पै नाच नचावै"
छठी, छठवीं। -रस०।
छठी-ज्ञा स्त्री० दे० (सं० षष्ठी ) जन्म से छछू दर-संज्ञा, पु० दे० (सं० छुछुदरी)
| छठे दिन की पूजा या संस्कार, छट्टी (दे०)। चूहे सा एक जन्तु, एक यन्त्र या ताबीज, एक आतिशबाजी।
मुहा०-छठी का दूध याद अाना - छजना---० कि० दे० (सं० सज्जन) शोभा सब सुख भूल जाना, बहुत हैरानी होना ।
देना, सजना, अच्छा लगना, उपयुक्त या छड़- संज्ञा स्त्री० दे० (सं० शर ) धातु या ठीक ऊँचना।
लकड़ी धादि का लंबा पतला बड़ा टुकड़ा।
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