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झूठमूठ ७५८
झूला असत्य । " मूठहि दोष हमहि जनि देहू" | बादलों का इकट्ठा होकर मुकना, नशे या -रामा० । मुहा०-झूठ-सच कहना या गर्व से शरीर को हिलाना । लगाना-झूठी निन्दा करना, शिकायत | झूमर -- संज्ञा, पु० दे० (हि० झूमना ) सिर
का एक भूषण या गहना, होली का एक झूठमूठ-क्रि० वि० दे० (हि. झूठ + मूठ गीत, नाच, एक ताल, एक काठ का अनु० ) बे जड़ या व्यर्थ की बात कहना। खिलौना। झुट्टी मुट्ठी (दे०)।
भू -वि० दे० ( हि० चूर) सूखा हुश्रा, झूठा-वि० ( हि झूठ ) असत्य, मिथ्या, खुश्क । ( हि० झूठ ) व्यर्थ, खाली । संज्ञा, बनावटी, असत्यभाषी, झूठ बोलनेवाला, स्त्री० दाह-दुख । यौ० --भूरझार । नक़ली, जूठा । “झूठा मीठे वचन कहि" | झूरा-वि० दे० (हि० झूर) .खुश्क, सूखा, -गिर।
खाली । संज्ञा, पु० (दे०) पानी न बरसना, झुठाना-स० क्रि० दे० (हि. झूठ ) असत्य | अकाल, अवर्षण, कमी । “जेठ-वाय पुरकरना या ठहराना।
वा बहै सावन भूरा होय"-भड । झूना-वि० ( हि० मीना ) झीना, महीन । झू -क्रि० वि० दे० ( हि० झूर ) नाहक, झूम-संज्ञा, स्त्री० ( हि० झूमना ) झूमने का | झूठमूठ, बेमतलब, व्यर्थ । ' किगिरी गहे भाव, हिलना, डोलना।
बजावै मूरै'-५० । वि० दे० (हि० चूर या झूमक-संज्ञा, पु० दे० (हि०झूमना) झुमका, भूर) सूखा, खाली, व्यर्थ, दुख. दाह ।। कर्ण-भूषण, झूमका, झुमका-होली में | झूल-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० झूलना ) हाथी स्त्रियों का घेरा सा बना नाचते हुए गाना, | घोड़े आदि के साज का ऊपरी वस्त्र, भद्दा एक पूर्वी गीत, झूमर, स्त्रियों की साड़ी या बुरा वस्त्र, झूलने का नाव। के मब्बे।
झूलन-संज्ञा, पु. ( हि० भूलना ) सावन में झमकसाडी-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (हि.)। कृष्ण-झूले का एक उत्सव, हिंडोला। जिस साड़ी में झूमक लगे हों।
मूलनि (व.) झूलने का ढंग। " कैसी मूमझूम-संज्ञा, पु० (दे०) घन घोर बादलों यह झूलनि तिहारी है "-द्वि०। का उमड़ना, घुमड़ना, घमंड से झूमते भूलना -- म० कि० दे० (सं० दोलन ) भूले चलना । “धाये धन श्याम भूमि झूमि घन पर बैठ या खड़े खड़े पैगें मारना, लेटे या बैठे श्याम नहीं"-स्फु०।
किसी के द्वारा मुलाया जाना, रस्सी आदि झूमड़-संज्ञा, पु० दे० ( हि० झूमना) शीश- में लटक कर हिलना, किसी प्राशा में बहुत फूल सा एक शिर भूषण, झूमर ।
काल तक पड़े रहना, फाँसी पर लटकना । झूमड़-झामड़-संज्ञा, पु० यौ० (हि० दे०)। संज्ञा, पु. अंत में गुरु लघुयुक्त २६ मात्राओं व्यर्थ की बात, ढकोसला, झूठा प्रपंच, | का एक छंद, अन्त में एक लघु दो गुरु या पाखंड । " दुनियाँ झूमड़ झामड़ अटकी" यगण युक्त ३० मात्रात्रों का छंद, हिंडोला, -कबी०।
मूला। "स्याम झूलै प्यारी की अन्यारी झूमना-प्र. क्रि० दे० (सं. झंप ) इधर अँखियान मैं"-पद्मा० । उधर चलना, ऊपर नीचे, आगे पीछे को झूला-संज्ञा, पु० दे० (सं० दोला) हिंडोला, बार बार हिलना, झोंके खाना, गर्व करना, रस्से या तार श्रादि से बना पुल, जैसे ऐंठ से चलना। "रंझा झूमत है कहा" लघमण झूला, पालना, पेड़ों की डाली या -दीन । मुहा०-बादल झूमना- छत की कड़ियों से बँधी हुई रस्सी के
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