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रुप ६८७
छमछम हुई वस्तु पर पानी आदि के पड़ने से उत्पन्न प्रे० रूप ) छापने का काम दूसरे से कराना। शब्द, झनकार, ठनकार, एक गहना। . स० कि० ( दे० ) छिपना।। छप-संज्ञा स्त्रो० दे० ( अनु० ) पानी में | पानाथ-पाकर-संज्ञा, पु० (दे०) क्षपाकिसी वस्तु के एक बारगी ज़ोर से गिरने नाथ, क्षपाकर । " छपानाथ लोन्हे रहैं छत्र का शब्द, पानी के छीटों का ज़ोर से पड़ने जाको '"-राम । का शब्द।
छप्पन-वि० दे० (सं० षट पंचाशत् ) पचास छपका-संज्ञा पु० दे० ( हि० चपकना ) सिर और छः। संज्ञा, पु. पचास और छः का का एक गहना । संज्ञा पु. (अनु० ) पानी अङ्क । का भरपूर छीटा, पानी में हाथ-पैर मारने छप्पर-संज्ञा, पु० दे० ( हि० छोपना ) फूस की क्रिया।
आदि की छाजन, ( मकान की) यौ०छपछपाना-अ० कि० दे० ( अनु० ) पानी छानी-छप्पर---छानी । मुहा०-छप्पर पर कोई वस्तु पटक कर छपछप शब्द पर रखना-छोड़ देना. चर्चा करना। करना । स० कि. पानी में छपछप शब्द | छप्पर फाड़ कर देना-अनायास, अकपैदा करना।
स्मात् देना। छोटा ताल या पोखर, गड्ढा । छपद-संज्ञा पु० यौ० दे० ( षट्पद ) भौंरा। छपरा (दे०)। छपना-वि० दे० (हि० चपना == दवना ) | बतखती*-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० छवि गुप्त, ग़ायब । संज्ञा पु० दे० (सं० क्षपण) | +० तकती ) शरीर की सुन्दर बनावट । नाश, संहार ।
बि-कवि-संज्ञा, स्त्री. (दे० ) छवि, छटा छपना-म० कि० दे० ( हि० चपना = शोभा। दखना ) छापा जाना, चिन्ह या दबाव कबीला--वि० दे० (हि. कवि---ईला-प्रत्य०) पड़ना, चिन्हित या अंकित होना, यंत्रालय शोभायुक्त, सुन्दर । स्त्री. छपीली । में किसी लेख श्रादि का मुद्रित होना, छरे छबीले छैल सब"-रामा०। “छीन शीतला का टीका लगाना । स० कि० (दे०) | कटि छोटी सी छबीली"-५०। छपाना, (प्रे० रूप ) छपवाना । । अ० कब्बीस - वि० दे० (सं० षट विंशत् ) बीस क्रि० (दे०) छिपना।
और छ । संज्ञा, पु० (दे०) २० और ६ की, छपरखट-छपरखाट-संज्ञा स्त्री० दे० यौ०।
संख्या, २६ । ( हि० वापर - खाट ) मसहरीदार पलंग। छम-संज्ञा, स्त्री० दे० (मनु० ) धुंधुरू बजने छएरी--संज्ञा स्त्री० दे० (हि. छप्पर ) का शब्द, पानी बरसने का शब्द । झोपड़ी । संज्ञा, पु० छपग।
संज्ञा, पु० (दे० ) क्षम (सं०)। छपा- संज्ञा स्त्री० (दे०) क्षपा, निशा। मकर-संज्ञा, पु. ( दे० ) कपटी, व्यभि. क्रि० वि० ( हि० छपना ) मुद्रित । चारी, छिनरा, दुराचारी। छपाई-संज्ञा स्त्री० दे० (हि० छापना छापने छमकना-अ. क्रि० दे० (हि० छम । क ) का काम मुद्रण, अंकन, छापने का ढंग, | धुंघरू श्रादि बजाते हुये हिलना-डोलना, छापने की मजदूरी।
गहनों की झनकार करना। प्रे० रूपछपाका-संज्ञा पु० दे० ( अनु० ) पानी पर | छमकाना । संज्ञा, स्त्री० कमक। किसी वस्तु के ज़ोर से गिर पड़ने का शब्द, कमलम - संज्ञा, स्त्री० दे० (अनु०) पायजेब, ज़ोर से उछाले हुए पानी का छींटा। घुघुरू, पायल आदि के बजने का शब्द । छपाना-स० कि० दे० (हि. छापना का | पानी बरसने का शब्द, छमाछम (दे०)।
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