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चुप्पा
चुलचुली चुप्पा-वि० दे० (हि. चुप ) जो बहुत | वस्तु का पकना, सीझना, आपस में गुप्त कम बोले, बुन्ना । स्त्री० चुप्पी। मंत्रण या बातचीत होना । चुबलाना, चुभलाना-स० कि० दे० चुरमुर-संज्ञा, पु० दे० (अनु०) खरी या कुर( अनु० ) स्वाद लेने को मुंह में रख कर कुरी वस्तु के टूटने का शब्द । वि. चुरमुराइधर उधर डुलाना । चबलाना (दे०)। करारा, खरा। चुभकना-अ० कि० दे० ( अनु० ) गोता. चुरमुराना--अ० कि० दे० (अनु०) चुरमुर खाना, डूबना।
शब्द करके टूटना । स० कि० (अनु०) चुभकी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( अनु० ) डुब्बी, चुरमुर शब्द करके तोड़ना, करारी या खरी गोता, डुबकी।
चीज चबाना। चुभना- अ० क्रि० ( अनु०) किसी नुकीली चुरवाना–स० कि० ( हि० चुराना = पकानावस्तु का दबाव पाकर किसी नरम वस्तु के प्रे० रूप ) पकाने का काम कराना । स० भीतर घुसना, गड़ना, धंसना, हृदय में कि. (दे०) चोरवाना । खटकना, मन में व्यथा उत्पन्न करना, मन चुरा*-संज्ञा, पु० ( दे०) चूरा, कि० वि० में बैठना या पैठना ।
पका हुआ। चभाना (चुभोना)-स० क्रि० दे० (हि. चुराना - स० क्रि० दे० ( स० चुर = चोरी
चुभना का प्रे० रूप ) फँसाना, गड़ाना । प्रे० करना ) गुप्त रूप से पराई वस्तु का हरण रूप-चुभवाना।
करना, चोरी करना, बोराना (दे०)। चुमकार --संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० चूमना+ मुहा० -- चित्तचुराना---मनमोहित करना, कार ) चूमने का सा शब्द जो प्यार दिखाने लोगों की दृष्टि से बचना, छिपना । मुहा० के लिये निकालते हैं, पुचकार ।
आँख चुराना-नज़र बचाना, सामने चुमकारना–स० क्रि० दे० (हि. चुमकार ) मुँह न करना, काम के करने में कसर प्यार दिखाने के लिये चूमने का सा शब्द करना । स० क्रि० (हि. चुरना ) खौलते निकालना, पुचकारना, दुलारना ।
पानी में पकाना, सिझाना। चुम्मा-संज्ञा, पु. ( दे०) चुंबन, चूमा। चुरी --संज्ञा, स्त्री० ( दे०) चूड़ी, चूरी । चुर--संज्ञा, पु० ( दे० ) बाघ आदि के रहने | क्रि० वि० पकी, उबली। का स्थान, माँद, बैठक । *वि० (सं० प्रचुर। चुरुगना-अ. क्रि० (दे० ) बड़बड़ान । बहुत, अधिक।
चुरुट - संज्ञा, पु० दे० ( अं० शोरूट ) तंबाकू चुरकना-म० कि. ( अनु० ) चहकना, की पत्ती या चूर की बत्ती जिसका धुंआ ची ची करना, (व्यङ्ग या तिरस्कार), लोग पीते हैं, सिगार ( अं० )। चटकना, टूटना।
चुरू -संज्ञा, पु० (दे०) चुल्लू । चरकी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० चोटी ) चुल --संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० चल == चंचल) चुटिया ।
किसी अंग के मले या सहलाये जाने की चुरकुट-चुरकुस-वि० दे० ( हि० चूर+ इच्छा, खुजलाहट, किवाड़ का चूल । कूटना ) चकना चूर, चूर चूर. चूर्णित । चुलचुलाना---० क्रि० दे० (हि. चुल ) चुरगाना-स० क्रि० (दे०) बकना, चिल्लाना खुजलाहट होना, चुलबुलाना, चञ्चलता चे चे करना।
करना । संज्ञा स्त्री० चलचुलाहट । चुरना --अ० कि० दे० (सं० चूर-न-जलना, चुलचुली-संज्ञा स्त्री० दे० (हि० चुलचुलाना) पकना ) पाँच पर खेलते हुए पानी में किसी खुजलाहट, चपलता, चुलबुली।
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