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काल-यापन
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काला पहाड़ से गोपाली नामक एक अप्सरा के गर्भ से करना-किसी अरुचिकर या बुरी वस्तु या उत्पन्न तथा यवनराज (जो अपुत्र थे) द्वारा व्यक्ति का दूर करना,कलंक का कारण होना, पालित हुश्रा, यह जरासन्ध का मित्र व्यर्थ की झंझट दूर करना, बदनाम करना या था और कृष्ण से लड़ा था।
बदनामी का सबब होना । काला मुँह या काल-यापन-संज्ञा, पु० यौ० (सं.)। मुह काला होना-कलंकित या बदनाम काल-क्षेप, दिन काटना, गुज़र करना। होना । कलुषित, बुरा, भारी, प्रचंड । कालरा-संज्ञा, पु. ( . ) हैजा, मुहा०-कालेकोसों-बहुत दूर । संज्ञा, विसूचिका।
पु० (सं० काल ) काला साँप । यौ०कालरात्रि-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( सं० )। काला-कलूटा - वि० यौ० ( हि० ) दिवाली की रात, ब्रह्मा या प्रलय की रात । बहुत काला ( व्यक्ति )। जिसमें सब सृष्टि लय की दशा में रहती है, | कालाक्षरी--वि० ( सं० ) काले अक्षर विष्णु ही रहते हैं । मृत्यु-निशा, दुर्गा की __ मात्र का अर्थ करने वाला, विद्वान् । लो० एक मूर्ति, यमराज की बहिन जो प्राणियों " काला अक्षर भैंस बराबर-मूर्ख का नाश करती है, मनुष्य के ७० वें वर्ष व्यक्ति। के ७ वें मास की ७वीं रात जिसके बाद कालाग्नि-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) प्रलय वह नित्य कर्मादि से मुक्त समझा जाता की प्राग, प्रलयाग्नि-पति रुरूद्र । है, भयावनी अँधेरी रात, कालराति कालागुरु- संज्ञा, पु० (सं०) एक सुगंधित (दे० ) कालीरात (दे० )।
काला काठ । कालवाचक (कालवाची)-वि० (सं०) काला चोर--संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) बुरे समय का ज्ञान करने वाला, काल का से बुरा या बड़ा चोर, अनजान व्यक्ति । सूचक अव्यय (व्या० )।
कालाजीरा--संज्ञा, पु० यौ० ( हि० ) कालशाक-संज्ञा, पु० (सं० ) करेमू, __ स्याह या मीठा जीरा । सरफोंका।
कालातीत-वि० यौ० (सं० ) जिसका कालसर्प--संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) वह समय बीत गया हो। संज्ञा, पु०-५ विषैला सर्प जिसके काटने से कोई प्रकार के हेत्वाभासों में से एक, जिसमें अर्थ नहीं जीता।
एक देश-काल के ध्वंस से युक्त होकर असत् कालसार-संज्ञा, पु० (सं०) तेंदू का वृक्ष । | ठहरता हो । साध्य के श्राधार में साध्य काल-सूत्र--संज्ञा, पु० (सं०) एक नरक । के अभाव का निश्चय वाला एक बाध काल-सूर्य-संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) प्रलय | (पा० न्याय०)। काल का सूर्य ।
कालादाना-संज्ञा, पु. या० (हि.) एक कालस्कंध-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) तमाल लता जिसके काले दाने रेचक होते हैं, या तिदुक तरू।
इसके दाने। काला--वि० दे० (सं० काल ) काजल या कालानमक--संज्ञा, पु० यौ० (हि.) सज्जी कोयले के रंग का, स्याह, कृष्ण वर्ण । के योग से बना एक प्रकार का पाचक मुहा०-मुँह काला करना--कुकर्म | लवण, सोंचर नोन (दे०)। या पाप या कलंककारी कार्य करना, । कालानाग-संज्ञा, पु० (हि. यौ० ) काला व्यभिचार करना, किसी बुरे श्रादमी का | विषैला साँप, कुटिल व्यक्ति।। दूर होना। (दूसरे का ) मुँह काला । काला पहाड़-संज्ञा, पु० यौ० (हि.)
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