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घटित - वि० (सं० ) बनाया, रचा हुआ, रचित, निर्मित, होनेवाला ।
घटाना
या बहली को ढकने वाला थोहार, पर्दा, जवनिका ।
घटाना - स० क्रि० (हि० घटना) कम करना, क्षीण या न्यून करना, बाक़ी निकालना, काटना, श्रप्रतिष्ठा करना, घटावना ( ग्रा० ) । घटाव - संज्ञा पु० ( हि० घटना ) कम होने का भाव, न्यूनता, कमी, अवनति, घड़घड़ाना - अ० क्रि० दे० ( अनु० ) गड़
तालाब का घाट ।
तनज्जुली, नदी की बाढ़ की कमी । घटिक - संज्ञा पु० (सं० ) घंटा पूरा होने पर घंटा बजाने वाला, घड़ियाली | घटिका - संज्ञा स्त्री० (सं० ) छोटा घड़ा या नाँद. घड़ी यंत्र, घड़ी, एक घड़ी या २४ मिनट का समय । यौ० घटिका शतकएक घड़ी में १०० छंदों की रचना करने वाला कवि ।
घटिया - वि० दे० (हि० घट + इया प्रत्य० जो अच्छे मेल का न हो, ख़राब, सस्ता, अधम, तुच्छ, ( विलोम - बढ़िया ) घटिहा ( ग्रा० ) नीच, बुरा।
घड़ी
कर ) जीतने का वरदान पाया था, एक राक्षस ।
घट्टा -- संज्ञा, पु० दे० (सं० घट्ट ) शरीर पर वह उभड़ा हुआ कड़ा चिन्ह जो किसी वस्तु की रगड़ लगते लगते पड़ जाता है, नदी या
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घटिहा - वि० दे० (हि० घात + हा प्रत्य० ) घात पाकर स्वार्थ साधने वाला, चालाक, मक्कार, धोखेबाज, बेईमान, व्यभिचारी, लम्पट, दुष्ट | संज्ञा, स्त्री० घटिहई (दे० ) । घटी -संज्ञा, स्त्री० (सं० ) २४ मिनट का समय, घड़ी, मुहूर्त्त, समय-सूचक यंत्र । संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० घटना) कमी, न्यूनता, हानि, क्षति, नुकसान, घाटा ।
घटूका - संज्ञा, पु० (दे० ) घटोत्कच (सं० ) भीमसुत
घटोत्कच -संज्ञा, पु० (सं०) हिडिंबा राक्षसी से उत्पन्न भीमसेन का पुत्र । घटोत्कर्ण - संज्ञा, पु० (सं० ) शिव जी का अनुचर जो शाप -वश उज्जैन में मनुष्य हुआ था और जिसने तपस्या करके विक्रमादिव्य के सब रत्नों के ( कालिदास को छोड़
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गड़ या घड़घड़ शब्द करना, गड़गड़ाना । घड़घड़ाहट - संज्ञा स्त्री० दे० (अनु० घड़घड़) घड़घड़ शब्द होने का भाव । घड़ना -- स० कि० (दे० ) गड़ना । घड़नई - घड़नैल – संज्ञा, स्त्री० यौ० दे० (हि० घड़ा + नैया नाव ) छोटी नदियों के पार करने को बाँसों में घड़े बाँध कर बनाया हुआ ढाँचा, घन्नई, घन्नाई, घटनई, घटना (दे०) घटनौका (सं० ) । घड़ा - संज्ञा, पु० दे० (सं० घट ) पानी भरने का मिट्टी का बरतन, जलपात्र, कलसा, नगरा। मुहा०--घड़ों पानी पड़जाना
ति लज्जित होना, लज्जा के भार से गड़ जाना ।
घड़ाना - स०क्रि० (दे० ) गढ़ाना । घड़िया - संज्ञा स्त्री० दे० (सं० घटिका ) सोना, चाँदी गलाने का मिट्टी का बरतन, मिट्टी का छोटा प्याला, घरिया (दे० ) । घड़ियाल - संज्ञा, पु० दे० ( सं० घटिकालि
घंटों का समूह ) पुजा में या समय बतलाने को बजाया जाने वाला घंटा । संज्ञा, पु० दे० ( हि० घड़ा --- भाल - वाला ) एक बड़ा हिंसक जल-जन्तु, ग्राह, घरियार (दे० ) ।
घड़ियाली -- संज्ञा, पु० दे० ( हि० घड़ियाल ) घंटा बजाने वाला |
घड़ी - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० घटी ) ६० पल या २४ मिनट का समय, घरी (ग्रा० ) | " पाये घरी ट्रैक मैं जगाइ लाइ ऊधौ तीर" - ऊ० श० । मुहा० - घड़ी घड़ीबार बार थोड़ी थोड़ी देर पर, घरी घरी
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