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गड़गड़ाहट
गड़ाना गाड़ी आदि को घसीट कर गड़गड़ शब्द बड़ा, ऊँचा ) (वि०-गड़बड़िया ) ऊँचा करना।
नीचा, अंड-बंड, अस्त-व्यस्त, अनुचित, गड़गड़ाहट-संज्ञा, स्त्री० (हि. गड़गड़ाना ) | जटिल, छिन्न-भिन्न, तितर-बितर । संज्ञा, पु. गड़गड़ाने का शब्द, गड़गड़।
क्रमभंग, कुप्रबंध, अव्यवस्था। संज्ञा, स्त्री. गड़गडो-संज्ञा, स्त्री० (दे०) छोटा नगाड़ा, गड़बड़ी-हलचल । यो०-गड़बड़ नौगड़िया-गड़गड़िया (दे०)।
झाला-गोल-माल, श्रव्यवस्था । गड़गड़गूदर----संज्ञा, पु० (दे०) चिथड़ा, फटा- बड़ घोटाला-गड़बड़ी । गड़बड़ापुराना कपड़ा।
ध्याय -(दे०) गड़बड़ झाला, उपद्रव, गड़दार-संज्ञा, पु० दे० (सं० गँड़ = गँडासा झगड़ा, आपत्ति, हलचल, गोलमाल ।
+दार ) वह नौकर जो भाला लेकर मत- गड्डी-बड्डा (प्रान्ती० ) " पहिल दौंगरा वाले हाथी के साथ रहता है, बल्लम- भरिगे गड्डा, घाघ समैय्या गड्डी बड्डा"। बरदार।
गड़बड़ाना-प्र० क्रि० दे० ( हि० गड़बड़ ) गडना-क्रि० प्र० दे० (सं० गत) घुसना, गड़बड़ी में पड़ना, भूल, चक्कर और धोखे धंसना, चुभना, शरीर में चुभने की पीड़ा, . में पड़ना, क्रम भ्रष्ट होना, अव्यवस्थित खुरखुरा लगना, दर्द करना, दुखना, होना, बिगड़ना, अस्तव्यस्त होना । मिट्टी आदि के नीचे दबना, दफ़न होना, छिन्न-भिन्न होना । स० कि. गडबडी समाना, पैठना । मुहा०-गड़े मुर्दे । में डालना, चक्कर, जटिलता, भूल और उखाड़ना -- दबी दवाई या पुरानी बात धोखे में डालना, उलझन में या भय में को उठाना, अनिष्टकारी पुरानी झगड़े | डालना, बिगाड़ना, विपत्ति में फंसाना । की बात का उठाना । अाँख में गड़ना--
गड़बड़ाहट-संज्ञा, स्त्री० (दे० ) गड़बड़ी । अति प्रिय या अप्रिय लगना । गड़
भय, डर, भूल, भ्रम में पड़ना । अनिश्चित, जाना-झपना, लज्जित होना, खड़ा
अनियमितता, अव्यवस्था। होना, जमना, स्थिर होना। मुहा०
गड़बड़िया-वि० (हि० गड़बड़ ) गड़बड़ दिल (मन, चित, जो ) में गड़ना
करने वाला, उपद्रव करने वाला, बिगाड़ने डटना, बुरी बात का दिल में चुभना अति
वाला। अभीष्ट वस्तु का दिल में रहना। गड़प-संज्ञा, स्त्री० ( अनु० ) पानी या
गड़बड़ी-संज्ञा, स्त्री० (दे० ) गड़बड़ । कीचड़ में किसी के सहसा समाने का
गड़रिया-सं० पु० दे० (सं० गड्डरिक) शब्द, किसी वस्तु का निगलना या पचा
(स्त्री० गड़रिन, गड़ेरिन) गाड़र या भेड़ डालना, किसी की वस्तु या सम्पत्ति को
पालने वाली एक जाति । लेकर उड़ा डालना, हजम कर डालना। | गड़हा-संज्ञा, पु० ( दे.) " गड्ढ़ा" गढ़ा गड़पना- स० क्रि० दे० ( अ० गड़प ) (हि० अल्प० स्त्री० गड़ही)। निगलना, खा लेना, पचाना, अनुचित | गड़ा-संज्ञा, पु० दे० (सं० गण ) ढेर, राशि। अधिकार जमाना, किसी की चीज़ को जब्त | क्रि० वि० (हि० गड़ना ) गड़ा हुआ। कर लेना।
यौ०-गड़े-गड़ाये। गड़प्पा-संज्ञा, पु० दे० (हि० गाड़ ) गड्ढा, गड़ाना-स० क्रि० दे० ( हि० गड़ना ) धोखा खाने की जगह ।
भोंकना, चुभाना, फँसाना, गड़ाना।स० कि० गड़बड़-वि० ( हि० गड़ गड्ढा---बड़= J (हि० गाड़ना का प्रे० रूप ) गाड़ने का काम भा. श. को०-७०
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