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गुलचा
गुलामी
गुलचा-संज्ञा, पु० दे० ( हि० गाल ) धीरे | गुलबदन --- संज्ञा, पु० यो० (फा०) एक
से प्रेम-पूर्वक गालों पर हाथ का प्राधात । । प्रकार का धारीदार रेशमी कपड़ा। वि० गुलचाना-गुलचियाना -- स० क्रि० दे० फूल सी देह । (हि. गुलचाना ) गुलचा मारना । ..." गाल गुलमेंहदी-संज्ञा, स्त्री. ( फ़ा. गुल + गुलचे गुलाल लै"।
मेंहदी-हि० ) एक प्रकार के फूल का पौधा । गुलछर्रा--संज्ञा, पु० दे० (हि० गोली+ छर्रा) गुलमे--संज्ञा, सी० यौ० ( फा० ) गोल परम स्वच्छंदता और अनुचित रीति का सिरे की कील, फुडिया। भोग-विलास या चैन । मुहा---गुलबर्रा गुललाल-संज्ञा, पु. (फा० ) एक प्रकार उड़ाना-मौज या, आनंद करना। का पौधा, इस का फल ।। गुलजार-संज्ञा पु. ( फा० ) बाग़, बाटिका, ! गुलशन - संज्ञा, पु. (फा०) बाटिका, बाग । वि०-हरा-भरा, आनन्द और शोभा-युक्त, गुलशब्बी--संज्ञा, स्त्री० (फा० ) लहसुन रमणीक, खूब आबाद।
जैसा एक छोटा पौधा जो रात में फूलता गुलझटी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० गोल -+ सं०- है, रजनीगंधा, सुगंधरा, सुगंधिराज ।
झट = जमाव ) उलझन की गाँठ, सिकुड़न । गुलहजारा--संज्ञा, पु० ( फा०) एक प्रकार गुलथी--संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. गोल + का गुललाल।। अस्थि-सं० ) पानी ऐसी पतली वस्तुओं के गुलाव--संज्ञा, पु० (फा० ) सुन्दर सुगंधित गाढ़े होकर स्थान स्थान पर जमने से बनी फूलों का कटीला झाड़ या पौधा । हुई गुठली या गोली, माँस की गाँठ। गुलाबजल -- संज्ञा, पु० यौ० (दे० ) गुलाब गुलदस्ता-- संज्ञा, पु. यौ० (फा० ) सुन्दर । __ का पासव या प्रक, गुलाब । फूलों और पत्तियों का बँधा हुआ समूह, गुलाबजामुन--संज्ञा, पु० यौ० (हि. गुलाब गुच्छा , गुंचा (अ.)।
+जामुन-हि० ) एक मिठाई, नींबू से कुछ गुलदाउदी-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( फा० गुल। चिपटे स्वादिष्ट फलों का एक पेड़।
+दाउदी ) सुन्दर गुच्छेदार फूलों का एक गुलाबपास-संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि. छोटा पौधा।
गुलाब -+-पाश फ़ा० ) झारी के आकार का गुलदान-संज्ञा, पु. ( फ़ा० ) गुलदस्ता एक लम्बा पात्र जिसमें गुलाब-जल भर कर रखने का पात्र ।
छिड़कते हैं। गुलदार --- संज्ञा, पु० (फा० ) एक प्रकार का गुलाबबाड़ी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (फ़ा० गुलाब सफ़ेद कबूतर, एक प्रकार का कसीदा । वि० +बाड़ो-हि. ) श्रामोद या उत्सव का (दे०) फूलदार।
गुलाब के फूलों से सजा स्थान । गुलदुपहरिया-संज्ञा, पु. या० ( फ़ा. गुल गुलाबी--वि० ( फ़ा० ) गुलाब के रंग का,
+ दुपहरिया-हि० ) कटोरे जैसे गहरे लाल गुलाब-सम्बन्धी, गुलाब-जल से बसाया सुन्दर फूलों का एक छोटा सीधा पौधा। हुआ, थोड़ा, कम, हलका । संज्ञा, पु०-एक गुलनार -- संज्ञा, पु. ( फा० गुल+नार- प्रकार का हलका लालरंग । प्र०) अनार का फूल, उसका सा गहरा गुलाम संज्ञा, पु. (अ.) मोल लिया हुआ लाल रंग।
दास, ख़रीदा हुआ नौकर, साधारण सेवक। गुलबकावली-संज्ञा, स्त्री० यौ० (फा० गुल | गुलामी-संज्ञा, स्त्री. ( अ. गुलाम+ई
+ बकावली-सं०) हलदी की जाति का पौधा प्रत्य० ) गुलाम का भाव, काम, या जिसमें सुन्दर सुगन्धित फूल होते हैं। दासता, सेवा, नौकरी, पराधीनता ।
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