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गोधन
गोपालतापन गोधन-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) गायों का | इया--प्रत्य० ) अपनी पीठ या बैलों पर समूह या झुण्ड, गोरूपी सम्पति, एक प्रकार | लाद कर बोरे ढोने वाला। का तीर । *संज्ञा, पु० (सं० गोबर्धन ) गोनी-सं० स्त्री० दे० (सं० गोणी) टाट गोबर्धन पर्वत । " गोधन, शान सबै लै | का थैला, बोरा, पटुआ, सन, पाट । जइये"-सू० । दिवाली के दूसरे दिन
गोप-संज्ञा, पु० (सं०) गौ की रक्षा करने का त्योहार, जिसमें गोवर्धन पर्वत ( उसके
वाला, खाला, अहीर, गोशाला का अध्यक्ष गोबर के नमूने ) की पूजा होती है।
या प्रबन्धक, भूपति, राजा, गाँव का "अबकै हमारे गाँव गोधन पुजैहै को"
मुखिया। संज्ञा, पु० (सं० गुंफ) गले में -ऊ. श०।
पहनने का एक श्राभूषण, गोफ (ग्रा.) गोधा-संज्ञा, स्त्री. (सं.) गोह नामक
यौ० गंजगोफ। जन्तु, धनुर्धारी लोगों के हाथ में बाँधने
गोपक-संज्ञा, पु० (सं० गोप+ क (प्रत्य॰)) की एक चमड़े की पट्टी। गोधिका-संज्ञा, स्त्री० ( सं० ) गोह जन्तु । |
गोप, बहुत ग्रामों का। वि० (सं० गोपन
| +क) छिपाने वाला। गोधूम--संज्ञा, पु. ( सं० ) गेहूँ, (ग्रा.)। । गोधूलि-गोधूली--संज्ञा, स्त्री० (सं०) गोपति--संज्ञा, पु० यो० (सं०) साँड़, जंगल से चर कर लौटती हुई गायों के खुरों | वृष, बैलराज, गो-रक्षक, अहीर । से धूल उड़ने से बँधुली छा जाने का समय, | गोपद-संज्ञा, पु० यौ० (सं० गोष्पद ) संध्याकाल । गोधौरा- संज्ञा, पु० (दे०)। पृथ्वी पर गाय के खुर का चिन्ह, गायों के गोधेनु:--संज्ञा, स्वी० यो० (सं०) दुग्धवती | रहने का स्थान । गौ, दुधार गाय ।
गोपन--संज्ञा, पु० (सं० ) छिपाव, दुराव, गोन-संज्ञा, स्त्री० (सं० गाणी ) कम्बल, छिपाना, लुकाना, रक्षा । वि० गोप्य । टाट, चमड़े श्रादि से बना हुआ दोहरा बोरा गोपना*-१० क्रि० दे० (सं० गोपन) जो बैलों की पीठ पर लादा जाता है, छिपाना, गोना (ब्र०)। साधारण बोरा, खाल । संज्ञा, स्त्री० दे०
| गोपनीय-- वि० ( सं० ) छिपाने योग्य, (सं० गुण ) नाव खींचने को मस्तूल में गोप्य । वि० गोपित । बाँधने की रस्सी।
गोपर-संज्ञा, पु० (सं० ) गोतीत, इन्द्रियों गोनई-संज्ञा, पु० (सं०) नागरमोथा,
से परे। सारस पक्षी, वह प्राचीन देश जहाँ महर्षि पतंजलि का जन्म हुआ था।
गोपाँगना-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) गोप गोनीय-- संज्ञा, पु० (सं० ) पतंजलि मुनि,
की स्त्री, गोपी। गोनई देश का, देश-सम्बन्धी।
| गोपा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) गाय पालने गोनस-संज्ञा, पु० (सं० ) एक प्रकार का
वाली, गोपी, ग्वालिन, अहीरी, श्यामा साँप, वैक्रांतिमणि ।
लता, महात्मा बुद्ध की स्त्री। गोना--स. क्रि० दे० ( स० गापन ) | गोपाल, गोपालक-संज्ञा, पु० यौ० (सं.) छिपाना।
गौ का पालने वाला अहीर, ग्वाल, गोप, गोनिया-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कोण ) श्रीकृष्ण, एक छंद। दीवाल या कोण आदि की सीध के नापने | गोपालतापन - गोपालतापानीय--संज्ञा, का यंत्र । संज्ञा, पु० (हि० गोन = डोरा+ | पु. (सं० ) एक उपनिषद् ।
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