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गर्वाना
गल-तकिया गर्वाना-प्र० कि० दे० (सं० गर्व ) गर्व | गलगंड-संज्ञा, पु० (सं० ) एक रोग जिसमें करना।
गला फूल कर लटक आता है, गंडमाला, गर्विता-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) वह नायिका | कंठमाला । जिसे अपने रूप, गुण या पति-प्रेम का गलगल-संज्ञा, स्त्री० ( दे० )।मैना के जाति घमंड हो।
की एक चिड़िया, सिरगोटी, गलगलिया गर्वित-वि० (सं० ) गर्वयुक्त, धमंडी, अह- दे० । संज्ञा, पु० (दे०) एक प्रकार का बड़ा कारी, गर्वीला।
नीबू । “गलगल निबुवा श्री घिउ तात" गर्षिष्ट - संज्ञा, पु० वि० (सं० ) अभिमानी, -घाघ। घमंडी।
गलगला-वि० (दे० ) भीगा हुआ, तर । गर्वी–वि. पु. (सं० गर्विन ) धमंडी,
गलगाजना-अ० कि० यौ० ( हि० गाल + अभिमानी।
गाजना ) गाल बजाना, बहुत बढ़ कर बात गर्वीला-वि० ( सं० गर्व + ईला प्रत्य० )
__ करना, गर्जना।..."स्वैरिनी सी गलगाजि ( स्त्रो० गर्वीली ) घमंड से भरा हुआ, अभि
रही है -उ० श० । मानी, अहङ्कारी।
गलगुच्छ-संज्ञा, पु० (दे०) गलगुच्छा, गर्हण - संज्ञा, पु० (सं०) निन्दा, शिकायत ।। गालों तक मोछे। गहणीय-संज्ञा, पु० (सं०) निन्दायोग्य, ! | गलगुथना-वि० (हि. गाल ) जिसका निन्दनीय, तिरस्कार करने योग्य, दुष्ट, बुरा । शरीर बहुत भरा और गाल फूले हों, मोटा. गह -संज्ञा, स्त्री. (सं० गर्ह ) तिरस्कार, ताज़ा, हृष्ट-पुष्ट, हट्टा-कट्टा । अपवाद, निन्दा, बुराई, अनादर ।
गलग्रह-संज्ञा, पु० यौ० ( सं०) मछली का गहित-वि. (सं० ) जिसकी निन्दा की
काँटा, ऐसी विपत्ति जो कठिनाई से दूर हो । जाय, निन्दित, दूषित।
गलछुट-संज्ञा स्त्री० ( दे० ) गलफड़ा। गह-वि० (सं० ) गर्हणीय, निन्दनीय ।
गलजंदड़ा-संज्ञा, पु० दे० (सं० गल+ यंत्र, गल-संज्ञा पु० (सं०) गला, कंठ । मुहा०गलबहियाँ-गलबाही-आपस में कन्धों
पं० जंदरा ) कभी पिंड न छोड़ने वाला
गले का हार, कपड़े की पट्टी जिसे गले में पर हाथ रख कर चलना, गले में हाथ
चोट लगे हुये हाथ के सहारा के लिये गल-कंवल-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) गाय
बाँधते हैं। के गले के नीचे लटकने वाला हिस्सा, |
गलझंप-संज्ञा, पु० दे० (हि० गला + सास्ना, झालर, लहर । " गलकँवल बरुना झांपना ) हाथी के गले की लोहे की विभाति', वि०।
झूल या जंजीर। गलका--संज्ञा, पु० दे० ( हिं० गलना ) एक गलतंस-संज्ञा, स्त्री. (हि.) निस्संतान प्रकार का फोड़ा जो हाथ की अँगुलियों में | पुरुष या उसका धन । होता है, एक प्रकार का कोड़ा या चाबुक । | ग़लत-वि. (अ.) (संज्ञा, स्त्री० ग़लती) गलगंज-संज्ञा, पु. यौ० (हि. गाल+ अशुद्ध, भ्रम-मूलक, मिथ्या, झूठ, भूल
गाजना ) कोलाहल, शोर-गुल, हल्ला। चूक, त्रुटि । गलगंजना-प्र० कि० (हि. गलगंज ) शोर गल-तकिया--संज्ञा, पु. यौ० (हि० गाल+ करना, हल्ला करना, कोलाहल करना तकिया ) गालों के नीचे रखने का एक या मचाना।
J छोटा, गोल और मुलायम तकिया ।
डालना।
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