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गाहकताई
वाला | संज्ञा, पु० दे० ग्रहण करने वाला, माल लेने वाला,
गाहक आये बेचिये, सच्चा
ख़रीददार | माल बताय ।
(...... तुल० ।
"नहीं
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यह जानकी जान की गाहक । मुहा०जो, जान या प्राण का गाहक - प्राण या जान लेने वाला, मार डालने की ताक में रहने वाला, दिन करने या सताने वाला, क़दर करने या चाहने वाला ।
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गाहकताई* -- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० गाहकता) क़दरदानी, चाह, मोल लेना ।
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गिद्ध
(सं० ग्राहक ) गिड - संज्ञा, पु० दे० (सं० ग्रीवा ) गला,
गरदन |
गिच पिच - वि० ( अनु० ) जो साफ़ साफ़ या क्रम से न हो, अस्पष्ट, भीड़-भाड़ । गिच पिचिया - संज्ञा, पु० ( दे० ) गिचपिच करने वाला, भीड़-भाड़ करने वाला | गिचिर- पिचिर - वि० (दे०) गिचपिच । गिजगिजा - वि० ( अनु० ) ऐसा गीला और मुलायम जे खाने में भला न लगे, छूने में जो मांसल ज्ञात हो ।
ग़िज़ा - संज्ञा, स्त्री० ( ० ) भोजन, खाद्य वस्तु, खुराक । गिटकारी - संज्ञा, स्त्री० (दे० ) गिड़ - गिड़ी, गिट्टी ।
गाहन - संज्ञा, पु० (सं० ) ( वि० गाहित ) गिटकिरी - संज्ञा, स्त्री० ( अनु० ) तान गोता लगाना, विलोड़ना, स्नान । लेने में विशेष रूप से स्वर का काँपना, गिड़गिड़ी |
गाहको संज्ञा स्त्री० दे० ( सं० ग्राहक ) बिक्री, गाहक होना । " कवि-वृन्द चाहसों करत हैं गाहकी " – सेना० ।
गाहना- - स० क्रि० दे० (सं० अवगाहन ) श्रवगाहन करना, डूब कर थाह लेना, विलोड़ना, मथना, हलचल मचाना, दाने गिराने को धान आदि के डंठल झाड़ना श्रहना ।
गाहा— संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० गाथा) कथा, वृत्तान्त, चरित्र, वर्णन, श्राय्र्या छंद । गाहि गाहिइस० क्रि० पू० [फा० (दे०) बूँदढूँढ़ कर, खोज खोज कर ।
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गाही -संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० गहना ) फल यादि के गिनने का पाँच पाँच का एक मान । गाहू – संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० गाना) उपगीत
छंद ।
जिना - अ० क्रि० दे० (हि० गींजना किसी चीज़ ( विशेष कर कपड़े ) का उलटेपुलटे हो जाने से ख़राब हो जाना, गींजा जाना । गिंजाई - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० गुंजन ) एक Satara कीड़ा, विनाही, धनौरी । ( प्रान्ती०) गिंडरी - संज्ञा, स्त्री० (दे० ) गेंदुरी, बिड़ई । गिंदौड़ा -गिंदौरा - संज्ञा, पु० दे० ( हि० गेंद ) मोटी रोटी जैसे चीनी से ढाला हुआ क़तरा ।
भा० श० को० – ७३
गिटकौरी - संज्ञा, स्त्री० (दे०) पथरी, पत्थरनिर्मित, पत्थर के टुकड़े ।
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गिट-पिट - संज्ञा स्त्री० ( अनु० ) निरर्थक शब्द मुहा०-गिटपिट करना - टूटी फूटी या साधारण अंग्रेज़ी भाषा में बोलना । गिट्टक- संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० गिट्टा ) चिलम में रखने का कंकर, चुग़ल । गिट्टा - संज्ञा, पु० (दे० ) कंकड़-पत्थर का टुकड़ा । स्त्री० गिट्टी | गिट्टी - संज्ञा, स्त्री० ( हि० गिट्टा ) पत्थर का छोटा टुकड़ा, मिट्टी के बरतन का टूटा हुआ छोटा टुकड़ा, ठीकरो, चिलम की गिट्टक | गिड़गिड़ाना - अ० क्रि० अनु० ) अत्यंत fara tree कोई प्रार्थना करना । गिड़गिड़ाहट - संज्ञा, स्त्री० (हि० गिड़गिड़ाना) विमती, गिड़गिड़ाने का भाव । गिद्ध - संज्ञा, पु० दे० (सं० गृध्र ) एक बड़ा मांसाहारी पक्षी, छप्पय छंद का बावनवाँ भेद, शकुनि, गीध ( ग्रा० ) ।
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