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गफ़लत
ग़मी ग़फ़लत-संज्ञा, स्त्री० (अ.) बे परवाई, वस्तु या विषय में ) प्रवेश, पैठार, पहुँच, लापरवाही, असावधानी, बेखबरी, बेसुधी। गुज़र । मुहा०--गम करना-धैर्य धारण भूलचूक ।
करना, ठहरना। ग़बन-संज्ञा, पु. (अ.) खयानत, दूसरे के ग़म-संज्ञा, पु० (०) दुख, रंज, शोक । सौंपे हुये माल को खा जाना या उड़ा मु०-ग़म खाना-क्षमा करना, ध्यान न जाना।
देना, जाने देना, ठहरना। चिता, फिक्र, गबरूा-वि० (फा० ख बरू ) उभड़ती या | ध्यान, सोच-विचार । उठती जवानी का, जिसके रेख उठती हो, गमक-संज्ञा, पु० (सं.) जाने वाला, पट्टा । भोला-भाला, सीधा-सादा । संज्ञा, बोधक, सूचक, बतलाने वाला । संज्ञा, स्त्री० पु. ( दे.) दूल्हा, पति ।।
(दे० ) सुगंधि, महक, तबले की आवाज़, गबरून-संज्ञा, पु० (फा० गबरून ) चारखाने संगीत में एक स्वर से दूसरे पर जाने की तरह का एक मोटा कपड़ा । का ढंग। गबड़न-(दे०)।
गमकना-० क्रि० दे० (हि. गमक ) गबाशन-संज्ञा, पु० (दे०) चमार, चंडाल, महकमा, तबला बजना । म्लेच्छ ।
गमकीला-संज्ञा, पु० (दे०) (हि. गमक ) गम्बर-वि० दे० (सं० गर्व, प्रा. गब्ब) महकने वाला, सुगन्धित, खुशबूदार, सहनअहंकारी, घमंडी, गीला, महर, मंद, . शील। सुस्त । बहुमूल्य, कीमती, मालदार, धनी, ग़मखोर-वि० (फा. ग़मख्वार ) सहनजल्दी काम न करने वाला या बात का | शील, सहिष्णु, ग़म खाने वाला। संज्ञा, उत्तर न देने वाला, हठी, ज़िद्दी । स्त्री.—ग़मवारी। गभस्ति-संज्ञा, पु. ( सं० ) किरण, रश्मि । गमत-संज्ञा, पु० दे० (सं० गम ) मार्ग, प्रकाश, सूर्य, हाथ, वाहु, पाताल ( स्त्री०) रास्ता, व्यवसाय, गाने-बजाने का समाज, अग्नि की स्त्री, स्वाहा।
गम्मत (दे.)। गभस्तिमान-संज्ञा, पु० (सं० गभस्तिमत् ) गमन-संज्ञा, पु. (सं०) (वि० गम्य ) सूर्य, एक द्वीप, एक पाताल ।
जाना, चलना, यात्रा करना, मैथुन, संभोग, गभीर-वि० (दे० ) गंभीर, गंभीर
जैसे-वेश्यागमन, राह, रास्ता।
| गमना*-० क्रि० (सं० गमन ) जाना, गभुषार-वि० (सं० गर्भ+पार-प्रत्य) चलना । अ० कि० ( म० ग़म ) सोच वा गर्भ का ( बालक ), जन्म के समय का रंज करना, ध्यान देना। रखा हुआ ( बाल ), वह लड़का जिसके गमला-संज्ञा, पु. (२) फूलों के पेड़ सिर के बाल जन्म से लेकर न कटे हों। और पौधे लगाने का बर्तन, कमोड़ा, जिसका मुंडन न हुआ हो, नादान, अनजान, पाखाना फिरने का बर्तन । अबोध ।
गमाना*-स० कि० ( दे० ) गँवाना, गभुआरे-वि० (दे.) (हि. गभुमार ) खो देना। लड़कों के जन्म के बाल, धुंधर वाले बाल । | ग़मी-संज्ञा, स्त्री० दे० (अ. ग़म ) शोक संज्ञा, पु० (दे० ) गभुधार "तोतर बोल की अवस्था वा काल, वह शोक जो किसी केस गभुमारे।" तुल।
के मरने पर उसके सम्बन्धी करते हैं। गम-संज्ञा, स्नी० दे० ( सं० गम्य ) (किसी ! सोग ( दे० ) मृत्यु, मौत ।
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