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नाना
कुह-संज्ञा, पु० (सं० ) कुबेर ।। शिकारी चिड़िया, कुहर, बाज़ । संज्ञा, पु० कुहक-संज्ञा, पु० (सं०) माया, धोखा, | दे० (फा-कोही) पहाड़ी घोड़े की जाति, जाल, धूर्त, मक्कार, मुर्गे की कूक, इन्द्र- टाँगन । जाल जानने वाला, मेढ़क ।
कुहुक ----- कुहूक - संज्ञा, पु. ( अनु०) कुहाना--अ० कि० (सं० कुहुक, कुहू) कोकिल या पत्तियों का कूजन, कूक, मधुर
पक्षी का मधुर स्वर में बोलना, कुहुकना। स्वर ।। कुहकुहाना-अ० कि० ( दे. ) कोयल कुहुकना-अ. क्रि० ( हि० ) कूकना, का कूकना, कू कू करना।
कोकिल आदि पक्षियों का मधुर स्वर से कुहना*-स० क्रि० (दे० ) मारना, बोलना। " . कासी कामधेनु कलि कुहत कसाई है" कुहुकबान--संज्ञा, पु. ( हि० कुहुकना
-कवि० । संज्ञा, पु० (दे०) गान प्रलाप । +वाण ) एक वाण जिसके चलते समय कुहनी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कफोणि ) कुछ शब्द विशेष होता है। हाथ और बाहु के जोड़ की हड्डी । कोहनी | कुहू-कहु-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) अमावस्या
की चन्द्र-विहीना निशा, मोर, कोयल आदि कुहप-संज्ञा, पु० (सं० कुहू = अमावस्या का मधुर स्वर । इस अर्थ में कंठ, मुख आदि +प) रजनीचर, राक्षस ।
शब्दों के लगा देने से कोकिल वाची शब्द कुहबर ( कोहबर )-संज्ञा पु० ( दे०) सिद्ध होते हैं। ..." कुहू कुहू वैलिया विवाह के बाद दूल्हा दुलहिन के बैठने का कूकन लागी"- ... कुहू निसि में ससि सजा हुश्रा कमरा, स्थान विशेष ।
पूरन देखै---'' शिव० । कुहर -- संज्ञा, पु० (सं० ) गट्ठा, बिल, छेद, कख-कोख --- संज्ञा, स्त्री० (दे० ) कुक्षि, गहर, गले का छिद्र । संज्ञा, स्त्री. (दे०) (सं०) कोख, उदर, गर्भ, काँखने का शब्द । एक शिकारी पक्षी, गुहा, गुफा ( दे.)। | कॅखना-अ० कि० (दे० ) काँखना।। कहरा-कहर - संज्ञा पु० दे० ( सं० कॅच-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कुचिका = नली) कुहेड़ी) जल के सूक्ष्म कणों का समूह जो एड़ी के ऊपर या टखने के नीचे एक मोटी शीत से वायु की भाप के जमने से पैदा होता | नस, घोड़ा-नस। है, नीहार । "...दोष कुहर को फाट्यो-" | कचना, कृचना - स० क्रि० (दे०) सूबे । कोहिरा (प्रान्ती०)। कुचलना। वि. कँचा-कुचला हुआ। कुहराम-संज्ञा, पु० दे० (अ. कहर + कॅचा-संज्ञा पु० दे० (सं० कूर्च ) झाडू, ग्राम ) विलाप, रोना-पीटना, हलचल, बोहारी ( दे० ) बढ़नी। खलबली।
| कैंची-संज्ञा, स्त्री० (हि. कँचा) छोटा कुहाना*-- अ. क्रि० दे० (हि. कोह + कचा, झाड़ , कूटी हुई मूंज या बालों का ना-प्रत्य०) रूठना, रिसाना, नाराज़ या गुच्छा, जिससे चीज़ों का मैल साफ़ करते या कुपित होना कोहाना (प्रान्ती०)। उन पर रंग फेरते हैं, चित्रकार की रंग भरने "तुमहिं कुहाब परमप्रिय अहई-"रामा०।। की कलम । कुहारा-संज्ञा, पु० ( दे० ) कुल्हाड़ा। कँज- संज्ञा, पु० दे० (सं० क्रौंच ) कुहासा-संज्ञा, पु० (दे० ) कुहरा, कुहे- क्रौंच पक्षी, कूजना । लिका (सं०)।
___कँड-संज्ञा, पु० दे० (सं० कुंड ) लड़ाई के कुही-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कुधि ) एक समय में पहिनने की लोहे की टोपी, खोद,
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