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कारकुन
कारसाज़ क्रियाओं का अन्वय एक ही कर्ता के साथ हेतुओं की श्रेणी, एक अर्थालङ्कार जिससे प्रगट किया जाय।
किसी कारण से उत्पन्न हुआ कार्य पुनः कारकुन-संज्ञा, पु. ( फा० ) प्रबन्धकर्ता, किसी अन्य कार्य का कारण होता हुआ करिंदा।
प्रगट किया जाता है (अ० पी० ) घटनाकारखाना-संज्ञा, पु. ( फा० । व्यापारिक परम्परा । वस्तुओं के बनाने का स्थान, कार-बार, कारण-शरीर-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) कार्यालय, व्यवसाय, घटना, दृश्य ।
सुषुप्त अवस्था में वह कल्पित शरीर जिसमें कारगर-वि० ( फा० ) प्रभाव-जनक, इन्द्रियों के विषय-व्यापार का तो अभाव
उपयोगी, असर करने वाला, सफल । रहता है किन्तु अहङ्कार श्रादि संस्कार रह कारगुज़ार - वि० (फा०) स्वकर्तव्य को पूर्ण- | जाते हैं ( वेदा०)। तया करने वाला। संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) | कारतूस-संज्ञा, पु० दे० ( पुर्त० कारटूश) कारगुजारी-कर्तव्य पालन, होशियारी, गोली-बारूद भरी एक नली जिसे बंदूक में कार्य-कुशलता, कर्मण्यता ।।
भर कर चलाते हैं । वि० कारतूसी । कारचोब--संज्ञा, पु० ( फा० ) लकड़ी का | कारन*—संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कारण्य ) चौखटा जिस पर कपड़ा तान कर जरदोजी रोने का आर्त स्वर, करुण स्वर । संज्ञा, पु. या क़सीदे का काम बनाया जाता है, अड्डा, | (दे० ) कारण । ज़रदोजी या कसीदे का काम करने वाला, | कारनिस-संज्ञा, स्त्री. (अ.) दीवाल की जरदोज़ । वि० (फा० ) कारचोबी- | कँगनी या कँगूरे। जरदोज़ी का । संज्ञा, स्त्री. ( फा० ) जार- कारनी-संज्ञा, पु० दे० (सं० कारण ) दोज़ी, गुलकारी।
प्रेरक । संज्ञा, पु० (सं० कारिनि ) भेदक, कारज* संज्ञा, पु० (दे० ) कार्य (सं०)
बुद्धि पलटने वाला। काम, काज । " जब लौं कारज होय"
कारपरदाज़...वि. ( फा०) काम करने -गिर० ।
वाला, कारिन्दा, प्रबन्धक । संज्ञा, स्त्री० कारटा-संज्ञा, पु० दे० (सं० करट )
(फा० ) कारपरदाजी-कार्य करने की कौवा ।
तत्परता, प्रबन्धकारिता। कारण-कारन-संज्ञा, पु० (सं० कृ+णिच्
कारबार, कारोबार-संज्ञा, पु० ( फा०) +ल्युट ) जिससे कार्य की सिद्धि हो, हेतु, सबब, जिसके विचार से कुछ किया जाय
काम-काज, व्यापार, पेशा । वि० कारबारी
---काम-काज करने वाला। या जिसके प्रभाव से कुछ हो, जिससे दूसरे पदार्थ की संप्राप्ति हो, निमित्त, प्रत्यय,
काररवाई कार्रवाई-संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) श्रादि, मूल, साधन, कर्म, प्रमाण, प्रयोजन,
काम, कृत्य, करतूत, कार्य-तत्परता, गुप्तनिदान । यौ० संज्ञा, पु० (सं० ) कारण
प्रयत्न, चाल । कार्यवाही (श्रा० हि० )। करण-कारण का कारण, ब्रह्म । कारण
कारवाँ--संज्ञा, पु. ( फा०) यात्रियों का गुण (धर्म )-कारण के लक्षण । संज्ञा,
झुण्ड । " उतरा तेरे किनारे जब कारवाँ स्त्री. ( सं० ) कारणता हेतुता ।
हमारा".-डा० इक० । कारणवादी--अभियोग उपस्थित करने | कारवल्ली (कारवेली)-संज्ञा, स्त्री० (सं०) वाला, फ़रियादी।
कटु फल, करेला। कारणमाला-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) कारसाज़-वि० ( फा० ) बिगड़े काम
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