________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कर्मणा
कर्तार
४१८ करने वाले का बोध हो ( व्या० ) कपुर-कर्पूर-संज्ञा, पु० (सं० ) कपूर, करता (दे०)।
चन्द्रमा । कार-संज्ञा, पु० (सं० पु. कत को प्रथमा कर्बर-संज्ञा, पु. (सं०) सोना, धतुरा, का बहु० ) करने वाला, ईश्वर, करतार जल, पाप, राक्षस, जड़हन धान, कचूर । (दे०) संज्ञा, स्त्री० करतारी।
वि० रंग-बिरंगा, कबरा ।। कर्तित-वि० (सं० ) कतरा या काटा हुआ, कर्बरा-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) बनतुलसी । काता हुआ।
वि० धूमला। कर्तृक-वि० (सं०) किया हुआ, संपादित। कर्म-संज्ञा, पु० (सं० ) वह जो किया कर्तृ-कर्मभाव-संज्ञा, पु० यौ० (सं० )। जाय, क्रिया, कार्य, काम, करनी ( दे०), कर्ता-कर्म-सम्बन्ध ।
करम ( दे.) भाग्य, ६ पदार्थों में से एक कर्तृत्व-संज्ञा, पु० (सं० ) कर्ता का भाव (वैशेषिक ) यज्ञ, यागादि ( मीमांसा ) और धर्म, स्वामित्व ।
वह शब्द जिसके वाच्य पर क्रिया का फल कर्तृ-प्रधान-वि० (हि.) जिस वाक्य में या प्रभाव पड़े ( व्या० ) कर्तव्य, मृतककर्ता की प्रधानता हो ( व्या० ) जिसमें | संस्कार । यौ०-क्रिया-कर्म-मृतककर्ता क्रियानुसार हो।
संस्कार, कर्म-स्थान, जन्म-चक्र में ५० वाँ कर्तृवाचक-कर्तृवाची--वि० यौ० (सं.)। खाना (ज्यो०)।
कर्ता का बोध कराने वाली क्रिया (व्या०)। कर्मकर (कर्मकार)-संज्ञा, पु० (सं०) कर्तृ-चाच्य (क्रिया)-संज्ञा, स्त्री० (सं.)। एक वर्ण-संकर जाति, लोहे पर सोने का वह क्रिया जिससे प्रधानतया कर्ता का बोध काम करने वाला, बैल, नौकर, बेगार, हो (व्या०)।
मज़दूर, कार। कर्दम-संज्ञा, पु. (सं०) कीचड़, कीच, | कर्म-कांड-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) जप-यज्ञकांदो (दे०) चहला (दे०) पंक, __ होमादि धार्मिक कृत्य, यज्ञादि के विधानों पाप, छाया, मांस, स्वायंभुव मन्वन्तर का शास्त्र । वि० कर्मकांडी-यज्ञादि धर्मके एक प्रजापति । " चंदन-कर्दम-कलहे, कर्म या कृत्य कराने वाला। मध्यस्थो मंडूको यातः।"
कर्मकारक-संज्ञा, पु. ( सं० ) दूसरा कर्धनी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) कटिबंध, चाँदी कारक । वि० कर्म करने वाला।
या सोने का एक कमर का भूषण। कर्म-क्षेत्र-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) कार्य करने कर्नेता-संज्ञा, पु० (दे० ) रंग के अनुसार ___ का स्थान, कर्म-भूमि, भारतवर्ष, कर्मभू । घोड़े का भेद ।
कर्मचारी-संज्ञा, पु० (सं० कर्मचारिन् ) कर्पट-संज्ञा, पु० (सं०) कपड़ा-लता, गूदड़। कार्य कर्ता, जिसके आधीन राज्य का कोई कर्पटी-संज्ञा, पु. (सं०) चिथड़े-गुदड़े प्रबंध-कार्य हो, अमला ।। पहिनने वाला, भिखारी।
कर्मज-संज्ञा, पु. (सं०) कर्म से उत्पन्न फल । कर्पर-संज्ञा, पु० (सं० ) कपाल, खप्पर, कर्मठ-वि० (सं०) कार्य-कुशल, धर्म-कृत्य कछुए की खोपड़ी। संज्ञा, स्त्री. (सं० ) करने वाला, कर्मनिष्ठ । संज्ञा, पु० (सं०) कर्परी। कर्पास-संज्ञा, पु० (सं० ) कपास, रुई। कर्मणा—क्रि० वि० (सं० कर्मन् का तृतीया में संज्ञा, पु. (सं०) कर्पासी सूत, सूती रूप ) कर्म से, कर्म-द्वारा—जैसे-मनसाकपड़ा।
वाचा-कर्मणा, कर्मना (दे०)।
धार्मिक कृत्य
For Private and Personal Use Only