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उड़नी
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उडुपति किंवदंती। उड़ाई उड़ाई (बात )-बे आमोद-प्रमोद की वस्तु का व्यवहार करना, मतलब की बात।
प्रहार करना, मारना, लगाना, बात टालना, उड़नी-संज्ञा, स्त्री० (दे० ) बच्चों के सूखा । धोखा देना, चकमा देना, भुलावा देना,
की बीमारी, जिसमें बच्चे सूख जाते हैं, झूठही दोष लगाना, किसी विद्या या कला फैल कर होने वाली या छूत की बीमारी, का उसके शिक्षक या श्राचार्य के न जानने जैसे, हैज़ा, चेचक ।
पर सीख लेना, किसी की निंदा करना, उड़प-संज्ञा, पु० (हि० उड़ना ) नृत्य का बुराई फैलाना, भगाना, ग़ायब करना, एक भेद । संज्ञा, पु० दे० (सं० उडुप ) लापता करना लुटाना. अपव्यय करना, नक्षत्रेश. चंद्र।
नष्ट करना, वेग से दौड़ाना । अ० क्रि० उड़पति-संज्ञा, पु० यो० (सं० उडुपति) उड़ना, छितर जाना “ये मधुकर रुचि चंद्रमा, उड़राज।
पंकज लोभी ताही ते न उड़ाने"---सू० उड़व-संज्ञा, पु० दे० ( सं० ओड़व ) रागों जीव-जतु जे गगन उड़ाहीं"-रामा० । की एक जाति, वह राग जिसमें पाँच स्वर उड़ायक -वि० दे० (हि• उड़ान + कलगें और कोई दो स्वर न लगें।
प्रत्य० ) उड़ाने वाला, “ उड़ी जात कितहूँ उडवाना-स० कि. (हि. उड़ाना का प्रे०
तऊ, गुड़ी उड़ायक हाथ "--वि० । रूप०) उड़ाने में प्रवृत्त करना।
उड़ास-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० उदास ) उडमना-अ० कि. ( उप० उ+डासन - रहने का स्थान, वास-स्थान, महल, उड़ने बिछौना) बिस्तर या चारपाई उठाना भंग या
की इच्छा । नष्ट ह'ना. उदसता. उदामना ( दे०)। उडासना-स० क्रि० दे० (सं० उद्वासन ) उडाऊ- वि० दे० (हिं• उड़ना ) उड़नेवाला, बिछौना समेटना, बिस्तर उठाना, उदासना,
खर्च करने वाला, ख़रचीला, अपव्ययः ।। (दे० ) । *किसी वस्तु को तहसनहस या उडाका-उड़ाकू-वि० (हि० उड़ना ) उड़ने नष्ट करना, उजाड़ना, बैठने या सोने में वाला, जो उड़ सकता हो, उडैया ( दे०) विघ्न डालना, दूर करना, हटाना। अपहरण-कर्ता, वायुयान आदि पर उड़ने उडिया-वि० (हि० उड़िसा) उड़ीसा-वासी। वाला।
अडियाना संज्ञा, पु. ( ? ) २२ मात्राओं उडान-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० उड्डयन ) का एक छंद। उड़ने की क्रिया, छलाँग, कुदान, एक दौड़ उडिम-संज्ञा, पु० (दे०) खटमल, खटकीरा। में तय की जाने वाली दूरी, कलाई, गट्टा, उडी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) उलाँट, कलाबाजी। पहुँचा।
| उडीमा-संज्ञा, पु० (दे०) उत्कल देश, उड़ाना-स. नि. ( हि० उड़ना ) किसी विहार का दक्षिणी भाग । उड़ने वाली वस्तु को उड़ने में प्रवृत्त करना, उडंबर-संज्ञा, पु. ( सं० ) गूलर, उमर । हवा में फैलाना. (जैसे धूल उड़ाना) उड़ने । उडु-संज्ञा, स्त्री० (सं० )नक्षत्र, तारा, पक्षी, वाले जीवों को भगाना या हराना, झटके | चिड़िया, केवट मल्लाह, जल, पानी। के साथ अलग करना, काट कर दूर फंकना, उडुप-संज्ञा, पु. (सं० ) चंद्रमा, नाव, हटाना, चुराना दूर करना, हज़म करना, बदनई डोंगी, धड़नाई, (दे० ) भिलावाँ, नष्ट या ख़र्च करना, मिटाना, बरबाद करना, बड़ा गरुड़ । संज्ञा, पु. ( हि० उड़प । एक खाने-पीने की चीज़ को खूब खाना-पीना, प्रकार का नृत्य । चट करना, योग्य वस्तु को खूब भोगना, उडुपति-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) चंद्रमा ।
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