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उठाव
उडना
निकालना, नुकता चीनी करना । अखि उड़ गझ-संज्ञा स्त्री० यौ० (हि० उड़ना+ उठाना-हानि पहुँचाने की चेष्ठा करना। झांई ) चकमा, बुत्ता, बहाली धोखा ।
आवाज उठाना--विरोध करना । उठाना- ! उडनफर-संज्ञा, पु. यो० (दे० ) उड़ने बैठाना-उठने बैठने की सज़ा, देना, की शक्ति देने वाला फल । बढ़ाना घटाना उनतावनत करना। उड़ना अ. क्रि० दे० (सं० उड्डयन ) उठाव-सज्ञा, पु० (दे० ) उठान, वृद्धि । चिड़ियों का आकाश या हवा में होकर एक उठाया-वि० दे० (हि. उठाना ) जिपका जगह से दापरी जगह जाना. हवा में या कोई स्थान नियत न हो, ना नियत स्थान । अाकाश में ऊपर उठना, (जैसे पतंग या गुड़ी पर न रहता हो, जो उठाया जाता हो, । उड़ रही है ) हवा में फैलना, इधर उधर उठोपा ( दे०)।
हो जाना छितराना, फैलाना, फहराना, उठौश्रा-वि० (दे०) उठावा, उठौवा (दे०)। फरफराना. ( पताका उड़ना ) तेग़ चलना, उठौनी- संज्ञा, स्त्री० दे० हि० ( उठाना ) भागना झटके के साथ अलग होना, कट उठाने की क्रिया, उठाने की मज़दूरो या कर दूर जा पड़ना, अलग या पृथक होना, पुरस्कार, किपी फपल की पैदावार या उधड़ना, जाता रहना ग़ायब होना, खो किसी वस्तु के लिये दिया गया पेशगी। जाना या लापता होना, खर्च होना. भोग्य रुपया, अगौहा, दाहती, मज़दूरी, बयाना, | वस्तु का भोगा जाना, आमोद-प्रमोद की बनियों या दूकानदारों के साथ उधार का वस्तु का प्रयोग या व्यवहार होना, रंगलेन-देन. वर की ओर से कन्या के घर । श्रादि का फीका पड़ना, धीमा पड़ना, मार विवाह के पक्का करने के लिये भेजा जाने पड़ना, लगना, बातों में बहलाना, भुलावा वाला धन, ( छोटा जाति में लगन-परीया) देना धोखा या चकमा देना, घोड़े का तेज़ संकट-समय किसी देवावना के लिये अलग चलना ( भागना ) या चौफाल कूदना, किया गया धन या अन्न, एक रीति जिपमें
फलाँग मारना कूदना । स० कि० फलाँग किपी के मरने के दूपरे या तीसरे दिन बिरा. मार कर किली वस्तु को लांघना, कूद कर दरी के लोग इकठे होकर उस मृतक के पार करना । के परिवार के लोगों को कुछ रुपया देते । मु० ---- उड चलना- तेज़ दौड़ना, सरपट और पुरुषों के पगड़ी बाँधते हैं।
भागना, शोभित होना, फबना, मजेदार उडंक-वि० दे० (हि० उड़ना+ अंकू-- होना, स्वादिष्ट होना ( बनना ) कुमार्ग प्रत्य० ) उड़ने वाला, जो उड़ सके, चलने- स्वीकार करना बदराह बनना, इतराना, फिरने वाला, डोलने वाला।
गर्व करना सबल था शसक्त होना, अपना उड - संज्ञा, पु. ( दे० ) उड्डु ( सं० ) कार्य के करने योग्य हाना। उड़ने लगनातारा, नक्षत्र।
चकमा देने लगना, असली बात छिपाते हुए उडगण-संज्ञा, पु० (३०) नक्षत्रगण, | चालाकी से दूसरी बातें सामने रखना, तारागण ।
सशक्त और सबल होना, अपना कार्य करने के उड़न -संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० उड़ना) योग्य हो चलना । उडना-ना-अपना उड़ने की क्रिया उड़ा।
कार्य अप करना, कमाना, जीविका प्राप्त उड़न बटोग--संज्ञा, पु० यो० (हि० उड़ना करना । उड़ कर ग्वाना--उद उड़ कर
+खटोला) उड़ने वाला खटोला, विमान। काटना, अप्रिय लगना, बुरा लगना।। उड़नछू-वि० दे० (हि• उड़ना) चंपत,ग़ायब। यौ० उड़ती ख़बर-बाजारू ख़बर, गप्प,
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