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सासादनीनतै संस्थातवें भाग पंचम युवेयक के सम्यग्दृष्टि हैं। इनत संख्यातवें भाग इहां के मिश्र सम्यकधारी हैं। मिश्रन” संख्यातवें भाग पंचम वेयक के सासादनी हैं। अरु पंचम |वेधक के सासादनीत छठी ग्रैवैयक के | सम्यग्दृष्टि हैं। सो संख्यातवें भाग हैं। इन सम्यक्त्वीनत संख्यातर्फे माग इहां के मित्र हैं। इन मिश्रनतें
सांस्यशत भाग छठी वैयक के सासादनी हैं। इन छी धेयक में सांसादनात सातवा वेधक के सम्यग्दृष्टि संख्यातर्फे भाग हैं। इनतें संख्यातवें भाग यहां के मित्र हैं । इन मिश्रनत संख्यात भाग सातवों ग्रैवेयक के सासादनी हैं और सातवों ग्रैवेयक के सासादनीत संख्यातवें भाग आठवीं ग्रैवेयक के सम्यग्दृष्टि हैं। इनसे | संख्यात भाग यहां के मित्र हैं। मिश्रनत संख्यातवें भाग आठवीं ग्रैवेयक के सासादनी हैं और आठवीं | ग्रैवेयक के सासादनीनतें संख्यातवें भाग नव वेयक के सम्यग्दृष्टि हैं। इनसे संख्यात भाग यहाँ के मिश्र । मिश्रनत संख्यात भाग नववें ग्रैवेधक के सासादनी हैं। ऐसे प्रथम युगलत लगाय नव ग्रैवेयक पर्यन्त अनुक्रमतें असंख्यात भाग कही। संख्यात भाग घटे। परन्तु अन्त ग्रैवेधक मैं जे सम्यग्दृष्टि हैं । ते मी असंख्यात जानता और इन अन्त ग्रैवेयकतें अल्प सम्यग्दृष्टि देव ऊपरले नव अनुत्तरमैं हैं । इहां सर्व सम्यग्दृष्टि ही हैं। नव ग्रैवेयक ऊपरि मिथ्यात्वी नाही, सर्व सम्यग्दृष्टि हो हैं। अनुत्तरों तें थोड़े विजय, बैजयन्त, जयन्त; अपराजित-इन च्यारि विमान में सम्यग्दृष्टि हैं। इन च्यारि विमाननत असंख्यातवें भाग जीव सर्वार्थसिद्धि विमानमैं हैं। सो सर्व संख्याते जानना । सो केते हैं ? सो ही कहिश हैं। अढ़ाई द्वीपवासो मनुष्यन का जो प्रमाण है। तिनत नवगुणे सर्वार्थसिद्धि के देवन का प्रमाण जानना । रोसे च्यारि गति सम्बन्धी सम्यग्दृष्टि, मिश्र, सासादन, देशसंघमी, इनका सामान्य प्रमाण कया। आगे कहे गाथा विषं सकल संयमीन का प्रमारा तीन घाटि नव कोड़ि जीव, नव गुणस्थान सम्बन्धी तिनकौं गुरास्थान प्रति कहिए हैं। सो प्रथमते छठे गुणस्थानवर्ती यतीन का प्रमाण पांच कोड़ि तिरारावै लाख अठ्यारावै हजार दोयसै छ, ५६३६८२०६ जानना। अप्रमत्त सात गुणस्थानवर्ती मुनीन का प्रमाण दो कोडि छयानवै लाख निन्यानवै हजार एकसौ तीन २६६६६१०३ गते जानना और च्यारि उपशम श्रेणि के मुणस्थानवाले जीव ग्यारहसौ छयानवै १९६६ जानना, तेईससौ बारावै २३१२ और तेरहवें सजोग गुणस्थानवों जीवन का प्रमाण आठ लाख अठ्यारण