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आचारवान्, दया-धर्मका धारी, राजाओं करि अदंड है। पापीजनकी नाई. धर्मात्मा कू भी दंड योग्य जाने । तो दण्डनेहारा राजा, प्रजाका पालनहारा, अन्यायके योग ते अपयशपाय, घोडे ही दिनों में राज्य-प्रष्ट होय।। २१ याकी अनीति देख, धर्मात्मा पुरुष तौ देश तज देंय । तब देश धर्मी-जन रहित भया। तामैं पाप-कार्यनको बधवारी होय। पापके बधत. देश-ग्राम धीरे-धीरे अनुक्रम करि नाश कुँ प्राप्त होय । तात धर्मात्मा-ब्राह्मण, पदंड है। यह अदण्ड नाम आठवा अधिकार है।८। बहुरि धर्मो-जीवन कौं सर्व पूजें। यथा-योग्य सर्व मानें। सो यह बात सत्य ही है। जो मर्मात्मा. - करित्रिका होग! सधौ-धोदन करि, मानने योग्य होय ही होय । कदाचित् विप्र विष, गुणनकी अधिकता नहीं होय । तो पूज्य-पद मिटै। बनादर पाय । पद भ्रष्ट होय । रंकदशा धारे। तातें विवेकी ब्राह्मरा, समतादिक गुणनका जतन करि, अपने विर्षे धारै। सो यह ज्ञान, चारित्र और तप, उत्कृष्ट ऋद्धि है सो जे गुणवान हैं, सो गुस-विभूतिका यात्र करो। यह गुरा-सम्पदा जप-तप पूज्य हैं। तिनकों भल कर भी विवेकी नहीं बिसाएँ। याका नाम माननीयता नववा अधिकार है।६। यह धर्मात्मा ब्राहाणका, प्रजा-संबन्धान्तर गुण है सो विवेकी अपना उत्कृष्ट गुण छोड़ि, जगत-जीव-अज्ञानकी नाई नहीं होय सो प्रजासंबन्धान्तर गुण कौ राख्ने । भावार्थ-जो जैसे गुण अन्य प्रजामें नहीं पाईये, ऐसे गुण आपमैं धारण करे। प्रणाके गुण से अधिक गुण-सम्पदाका धारी होय । तब प्रजा करि, पूज्य होय । प्रजा-जैसे, अजान चेष्टा रूप गुण, आपमें नहीं धारे। सो प्रजासे अन्तर जानना । प्रजा समान गुण, अज्ञान-विषयोकी चेष्टा आपमैं धार। तो अपना पूज्य-पद खोवै। महंतता नहीं रहै। प्रजा समान आप भी होय। तो जैसे निर्मल स्वर्णमें, कुधातुके सम्बन्ध करि मलिनता होय। और जैसे निर्मल स्फटिक मरिण, डाकके संयोय ते अपना स्वच्छ गुण तणि, श्याम-हरित-रक्तादि अनेक वर्ण को प्राप्त होय । तैसे हो यह धर्मात्मा जीव, ब्रह्मचारी, उत्कृष्ट गुणोंका धारी, आचारवान्, सौम्यमूर्ति संसारी-अज्ञानी जीवनकी संगति तें आप भी अज्ञानी-जीवनकी नाईं, इस प्रजामें एकमेक होय। क्रोध-मानमाया-लोभ रूप प्रवृत्ति तें, अपना पद लोप करें। सर्व गुणनका अभाव होय। तातै विवेकी धर्मात्मा ब्राहस,
अपने गुणन ते और अज्ञानी-गुण रहित जीवन कौं, गुण-खान करें। आप अज्ञानीकी संगति ते, अशानी नहीं। । होय । जैसे पारस-पाषाण अपने गुण तें लोह-कुधातु कौ कंचन कर, परन्तु आप लोह नहां होय । तैसे उत्तम |
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