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(नपुंसक) कौं स्त्री का संग वृथा है। पति रहित स्त्रीक, श्रङ्गार कार्यकारी नाहीं। तैसे ही मखनक धर्म की || कथा कार्यकारी नहीं। भावार्थ-अन्ध पें पञ्चवरन रतन के प्रकाश कार्यकारी नाही तथा अनेक रङ्ग-विरङ्ग
स्वर्ण व रतनन के चित्राम शुभाकार अन्धे वृथा हैं तथा अनेक दीपकन की माला जो दीप माला सो भी प्रकाश अन्धे व वृथा है। तैसे ही अज्ञानी मूर्ख नै धर्मोपदेश धर्म कथा वृथा है और बहरै पै अनेक सुस्वर कराठ सहित मधुर स्वर को लिए अनेक राग का गावना। सुन्दर बीणा, बांसुरी, बाजादि अनेक वादिवन के सुर। ये सब गाना बजावना बहरे पे वृथा है। तैसे ही मूर्ख के पासि धर्म कथा वृथा है और नपुंसक के पास सुन्दर स्त्री का मिलाप वृथा है । तैसे मूर्ख पै धर्म-कथा करना वृथा है और पति बिना जो विधवा स्त्री सो अडार करि कौन कौं दिखावे ? भार तो है नाहीं और पर-पुरुष को अपना प्रभार दिखाये तो कुशील का दोष लागे। तातं स्त्री क श्रृङ्गार मार के आश्रय हो, उसे शोभायमान करै है। भतार बिना विधवा स्त्री का जनेक श्रृङ्गार वृथा है। तैसे हो मूर्ख पासि धर्म-कथा वृथा है। कैसा है मूर्ख ? जो ज्ञान नेत्र रहित अन्ध समान है। ये जिन वचन पर-भव सुख देनेहारे, तिनके सुननेक वधरै समानि, कु-कथा का अभिलाषी, क्रोधाग्नि करि भस्म भया है हृदय जाका, अरु तूने प्रश्न किया, सो प्रमाण है। जो उपदेश है सो भोलेकू ही है। परन्तु मुर्ख भोले दीय प्रकार हैं-एक स्वभाव ही ते उपज्या तब तैं का समझता नाहों। ऐसा भोला, पुण्य-पाप में समझता नाहीं। काहू के धर्म भावत द्वेष नाहों। आगे कबहू धर्म का उपदेश मिल्या नाहीं। ऐसे भोले जोवन कृ तो क्रोध-मानादि कषाय भी दीर्घ अंश सहित नाहीं। अनादि सहज ( स्वभाव ) को मूर्खता लिए है। ऐसे भोले जीव सरल भाव सहित कौं तो जिन-आज्ञा में धर्मोपदेश कह्या है। ऐसा भोला उपदेश योग्य है और ये जीव धर्मोपदेश स्वीकार करि अपना अपना मला भी करें हैं। तातें ये उपदेश-योग्य हैं और एक मूर्ख जानता-पूछता ही क्रोध, मान, माया, लोभ के वशीभूत होय; धर्म का भला उपदेश नाही अङ्गीकार कर है। ऐसे कू धर्मोपदेश नाहीं। काहे ते सो कहिये है। जो कोई धर्मी जीवतें प्रथम तो स्नेह था। सो वाके निमित्त पाय धर्म का सेवन विर्षे लगा रह्या-धर्म सेवन किया
और जब उस धर्मात्मा से कोई कारण पाय स्नेह टूटि गया तब याने उस धर्मात्मात द्वेष-भाव के योगते, व्यसना' सक्त होय धर्म सेवन तजि दिया और मूर्ख का संग पाय, कुमार्गी भया। अब याकू धर्मोपदेश कठिन होय गया।
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