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नाम श्रुत ज्ञान हो है । या प्रतिपत्तिक श्रुत ज्ञान का धारी व्यारि गति का स्वरूप यथावत् व्याख्यान करें, सो प्रतिपत्तिक श्रुत-ज्ञान कहिये । ६ इस प्रतिपत्तिक श्रुत ज्ञानतें एक-एक अक्षर बधता पद होय है । पदतें बघत बघत संख्यात हजार पद बधे संघात होय, संख्यात हजार संघात बघते एक प्रतिपत्तिक श्रुत ज्ञान होय और संख्यात हजार प्रतिपरिश्रुत ज्ञान के जरा भेदक अक्षर होय तहो ताई प्रतिपत्तिक समास नाम श्रुत ज्ञान हो है 120 | आगे इस प्रतिपत्तिक समास के अन्त भेद में एक अक्षर और मिलाइये तब अनुयोगं नाम श्रुत ज्ञान होय है । सो इस तैं चौदह मार्गणा का स्वरूप भले प्रकार कह्या जाय है। यह अनुयोग नाम श्रुत ज्ञान है | १२ | आगे इस अनुयोग के एक-एक अक्षर ज्ञान बधतें पूर्ववत् अनुक्रम पद ज्ञान पदतें संघात प्रतिपत्तिक अनुयोग सो व्यारि आदि अनुयोग विषै अन्त भेद में एक अक्षर घाटि ताई अनुयोग समान श्रुतज्ञान होय है । २२ । ऐसे अनुयोग समास के अन्त मैद विषै एक अक्षर और मिलाये प्राभृतक प्राभृतक ज्ञान होय है । १३ । इस प्राभृतक प्राभृतक के ऊपर एक-एक अक्षर बघत बघतें पूर्ववत् अनुक्रम पद संघात, प्रतिपत्तिक अनुयोग प्राभृतक प्राभृतक ऐसे अनुक्रमतें चोईस प्राभृतक प्राभृतक होय । तहाँ अन्त भेद मैं एक अक्षर घटता रहे यहाँ तांई प्राभृतक प्राभृतक समास ज्ञान होय है । २४ । आगे इस प्राभृतक प्राभृतक समास विषै एक अक्षर और मिलाइये तब प्राभृतक ज्ञान होय है 1२५ भावार्थ - एक प्राभृतक के चौईस प्राभूतकप्राभृतक अधिकार होय हैं और इस प्राभृतक ऊपरि एक-एक अक्षर की बधवारी लिये, पद संघातादि अनुक्रमतें बधवारी लिये चौबोस प्राभृतक होंय । तहां अन्त के भेद में एक अक्षर घटता रहे तहां तांई प्राभृतक समास के भेद जानना | १६ | आगे इस प्राभृतक समास में एक अक्षर ज्ञान और मिलाये वस्तु नाम श्रुत - ज्ञान होय है । २७ आगे इस वस्तु ज्ञान पै एक अक्षर बघत बघते पद संघातादि सर्व अनुक्रम पूर्ववत् करि वृद्धि होते, दश आदि वृद्धि होते अन्त मेद में एक अक्षर घटै, तब तोई वस्तु समास श्रुत ज्ञान है । २८। जागे इस वस्तु समास में एक अक्षर और बधाइए तब पूर्व नाम श्रुत ज्ञान होय है | १६ | इस ही पूर्व में चौदह भेद है तिनका स्वरूप जागे कहि आये हैं। तातैं यहां नहीं कह्या है और पूर्व ज्ञान के ऊपर एक-एक अक्षर ज्ञान बधरों बधतें पूर्व अनुक्रमतें पद संघातादि अनुक्रमतें एक अक्षर घाटि श्रुत-ज्ञान पर्यन्त, पूर्व समास है 1201 ऐसे बीस भेद श्रुत ज्ञान के कहे ।
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