________________
अजीव पदार्थ : टिप्पणी ३२
१२३
___ जैन पदार्थ विज्ञान उष्णता, शब्द, प्रकाश, गति आदि को द्रव्य-पुद्गल का परिणाम मानता रहा है। आज का विज्ञान जड़-पदार्थ (matter) और शक्ति (energy) को एक दूसरे से भिन्न चीजें भले ही माने' पर इतना अवश्य स्वीकार करता है कि ये एक दूसरे में परिवर्तित हो सकते हैं (देखिये पृ० १२२ पा० टि० २)। आइन्स्टीन ने सिद्ध कर दिया है कि शक्ति (energy) में भी भार होता है। पुद्गल की जैन परिभाषा के अनुसार शक्ति के भिन्न-भिन्न रूप पौदगलिक पर्यायें हैं।
___ शक्ति को जड़-पदार्थ से भिन्न मानने के कारण ही विज्ञान आज जड़-पदार्थ को विनाशशील और उत्पत्तिशील मानने लगा है। जैन पदार्थ विज्ञान के अनुसार शक्ति द्रव्य-पुद्ग्ल की पर्याय मात्र है अतः उसकी (शक्ति की) उत्पत्ति और नाश द्रव्य-पुद्गल के स्वभाव से सिद्ध है। द्रव्य-पुद्गल तीनों काल में अनुत्पन्न और अविनाशी है।
विज्ञान की अणु (atom) सम्बन्धी धारणा में भी काफी परिवर्तन हुआ है। बहुत समय तक रसायन संसार का विश्वास रहा है कि अणु जड़-पदार्थ के सूक्ष्मतम कण हैं। इनको विभक्त नहीं किया जा सकता है। परन्तु धीरे-धीरे भौतिक विज्ञान की प्रगति के कारण अणुं का विभाजन होने लगा। ऐसे प्रयोग किये गये जिनसे स्पष्ट हो गया कि अणु विभक्त
9.
Again, a brick in motion is different from a brick at rest. A piece of iron behaves differently when it is hot or when it is magnetized, or is in motion. We thus from
the idea of heat, motion etc., separately from the matter of brick or iron. The thing
as sociated which matter in this way bringing about changes in its condition, is
energy. The different forms in which energy may appear are : mechanical energy,
heat, sound, light, electrical or magnetic energy, chemical energy......and one form
of energy frequently changes into another form. (A text Book of Inorganic chemistry by Ladli Mohan Mitra M. Sc. B.L. page 114-43. rd. Edition) For many years scientists thought that matter and energy could be distinguished
2.
through the possession of mas by matter and the lack of possession of mass by
energy. Then, early in the present century (1905), it was pointed out by Albert
Einstein (born 1879) that energy has mass, and that light is accordingly attracted
by matter through gravitation. x x The amount of mass associated with a definite energy is given by an equation, the Einstein euqation : E=mc (General Chemistry by Linus Pauling P.4)