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संवर-४५, ३८६, ३६१, ३६३, ३६५, ५०४,
५३३-३४, ५४५-६, ५४७, ६८३, ७६४ संवर (अप्रमादादि) और शंका-समाधान - ५३४-३५
संवर आस्रव द्वार का अवरोधक पदार्थ५०५-७
संवर अनुप्रेक्षा -५२०
संवर एवं आस्रव का सामान्य स्वरूप-३८६ संवर और आत्म-निग्रह - ५०७
संवर और निर्जरा का सम्बन्ध - ६८०-८८ संवर और निर्जरा के हेतु -६८०-८८
संवर और प्रदेश- ४१७-१६
संवर और पाँच चारित्र - ५३६
संवर और मोक्षमार्ग - ५०८
संवर का अर्थ - ५०७
संवर के भेद - ५०८-२७
संवर के बीस भेद एवं उनकी परिभाषा -
५२४-२६
संवर छठा पदार्थ है - ५०४-५
संवर संख्या एवं उसकी परम्परा - ५१०-१३
संवर संख्या की परम्परा - ५१०-१२
संवर संयम से - ६८३-८८
संसार - २४, ३१२, ५०८, ६६१
संसार अनुप्रेक्षा -५२०
संसार का अन्त कब होता है - ६६१-६६२
संसृष्ट चर्या - ६४२
संसृष्टा एषणा - ६४३
संस्थान - ११३
संशयित मिथ्यात्व - ३७४
नव पदार्थ
संशय मिथ्यादर्शन - ३७५ संहियमाण चर्या - -६४१
सकंप - निष्कंप - ४१३-१६, ४१८
सकाम निर्जरा - ६०६, ६११, ६१२, ६१४
काम तप-क्या अभ्युदय का कारण है ?
- ६८६-६६
सत्कार - पुरस्कार परीषह - ५२२
सत्य - ५१८
सत्व - ३१
सपरिकर्म अनशन - ६३२
समकित -२४-२५
समचतुरस्र संस्थान - १६४-६५
समन्तानुपात क्रिया आस्रव - ३८४
समय - ८६, ६०, ६४
समय अनन्त कैसे ? - ६२-६३ समय प्रमाण - ६१ समादानक्रिया आस्रव - ३८३ समाधि - २१८, २५२, ६३१
समिति - ५१५-१६, ५१८
सम्यक्त्व - २४-२५, ७५२
सम्यक्त्वक्रिया आस्रव - ३८२
सम्यक्त्वमोहनीय कर्म-३११
सम्यक्त्वादि पाँच संवर और प्रत्याख्यान
का सम्बन्ध - ५२७-३३
सम्यक्त्व संवर है - ३७५, ५२४, ५२७ सम्यक् दर्शन - ३१४, ३७५
सम्यक् दृष्टि-५८२
सम्यक्मथ्या दृष्टि-५८२ सम्यक्मिथ्यात्व मोहनीयकर्म - ३११-२