Book Title: Nav Padarth
Author(s): Shreechand Rampuriya
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 818
________________ शब्द-सूची ७६७ लोकाग्र-४४६ लोकोपचार विनय तप-६६३-६४ । लोभ-३१३, ३१५, ३१६ लोभ आस्रव-३८२ लौकिक वीर-४६ वकुश निर्ग्रन्थ-५३७ वचन असंयम-४७३ वचन आस्रव-३८१ वचन-बल प्राण-३० वचन पुण्य-२०० वचन योग-४५४, ४५६ वचन वर्णणा-२८२ वचनविनय तप-६६२ वचन संवर-५२६ वज्रऋषभनाराच संहनन नामकर्म-१६४ वध परीषह-५२२ वनस्पतिकाय असंयम-४७३ वन्दना-२११-१२ वन्दना से निर्जरा और पुण्य-२११-१२ वर्गणाएँ (पुद्गल की)-२८२ वर्गतप-६२८ वर्ग वर्गतप-६२८ वर्ण और संस्थान-११३ वर्णनाम-३३५ वर्तमान काल-८६ वसुभूति-२१ वस्तु-३५ वस्तुओं की कोटियाँ-७६४ वस्त्र-७५, ८६ वस्त्र-पुण्य-२०० वाक् गुप्ति-५१४ वाचना-६६६ वाचना स्वाध्याय तप-६६७ वामन संस्थान नामकर्म-३३७ वायुकाय असंयम-४७२ विकर्ता-३४ विकार-४५२-५४ विकृत्तियाँ-११४ विज्ञ-३१ - वितत शब्द-१११ विदारण क्रिया-आस्रव–३८४ विनय-२१६ विनय तप-६५६-६४ विपर्यय मिथ्यादर्शन-३७५ विपाक अनुभाग-६०६ विभंगज्ञान-५७८ विभाग-११३, ११४ विरत-४७६-७८ विरताविरत-४७६-७८ विरति संवर-५२४, ५४७ विरमण-५४७ विरसाहार-६४७ विवक्त ज्ञयनारून सेवनता तप-६५४ विवेक-५४७ विवेत्तकाह प्रायश्चित्त तप-५५ विषय (इंद्रियों के)-१५१ विशिष्टता-३४२ वीर-४६

Loading...

Page Navigation
1 ... 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826