Book Title: Nav Padarth
Author(s): Shreechand Rampuriya
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 797
________________ ७७६ नव पदार्थ अधर्मास्तिकाय का क्षेत्रप्रमाण-७२ अधर्मा० के लक्षण और पर्याय-७७-७६ . अधर्मा० विस्तीर्ण और निष्क्रिय द्रव्य -७४-७६ अधर्मा० शाश्वत द्रव्य-७३ अधर्मा० स्वतंत्र द्रव्य-७३ अध्यवसाय-२७७, ७८, ४१०-१, ४६५-६६ अध्यवसाय आस्रव है-४१०-११ अनन्त-६२, ३२६ अनन्तवृत्तितानुप्रेक्षा-६७१ अनन्तानुबन्धी कषाय-३१८ अनन्तानुबन्धी क्रोध-३१३ अनन्तानुबन्धी मान-३१३ अनन्तानुबन्धी माया-३१३ अनन्तानुबन्धी लोभ-३१३ अनभिगृहीत मिथ्यात्व-३७४ अनवकल्प-६१ अनवस्थाप्यार्ह प्रायश्चित्त तप-६५८ अनशन के भेद-६२६-३३ अनाकार उपयोग--५७६ अनाकाँक्षा क्रिया आस्रव-३८५ अनागत काल-८६ अनात्त शब्द-११२ अनात्मा-६७ अनाभोग क्रिया आस्रव-३८४ अनाभोगिक मिथ्यात्व-३७४ अनाभिग्रहिक मिथ्यात्व-३७४ अनाशातना विनय-६५६-६६० अनित्य अनुप्रेक्षा-५२०, ६७० अनिदान-२३२ अनिष्ट शब्द-११२ अनिष्ठिवक तप-६५१ अनिर्हारिम अनशन-६३२-३३ अनुग्रह-२३७ अनुदीर्ण-६७४-७५ अनुपम निर्जरा-६११ अनुप्रेक्षा-५२०-२१, ६८३ अनुप्रेक्षा स्वाध्याय तप-६६७ अनुभाग कर्म-७२५ अनुभाव-३१०, ३१८, ३२६, ३४१-४२ अनुभूति-५८८, ६२२ अनृत-४४८-४६ अनेकसमय सिद्ध-७५१ अन्-एवंभूत वेदना-७२५ अन्त आहार-६४७ अन्तक्रिया-४१८ अन्तकृत-७४२ अन्तरात्मा-३६ अन्तराय कर्ग-३२४-२७ अन्तराय कर्म-व्युत्सर्ग-६७२ अन्तर्मुहूर्त-३२६ अन्नग्लायकचरकत्व चर्या-६४३ अन्नपानादि द्रव्य-२३७ अन्न पुण्य-२००, २०२, २३२-३५ अन्यतीर्थिक-२६१ अन्यत्व अनुप्रेक्षा-५२० अन्यलिङ्ग सिद्ध-७५०, ७५१ अपनीत चर्या-६४१

Loading...

Page Navigation
1 ... 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826