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द्रव्यानुयोग-(१)
१. दव्वऽज्झयणं
१. द्रव्य अध्ययन
सूत्र
सूत्र
१. द्रव्यों के नाम
प्र. भन्ते ! द्रव्य कितने प्रकार के कहे गए हैं ? उ. गौतम ! द्रव्य दो प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. जीव द्रव्य, २. अजीव द्रव्य।
प्र. द्रव्य नाम का क्या स्वरूप है? उ. द्रव्य नाम छः प्रकार का कहा गया है, यथा
१. धर्मास्तिकाय, २. अधर्मास्तिकाय, ३. आकाशास्तिकाय, ४. जीवास्तिकाय, ५. पुद्गलास्तिकाय, ६. अद्धासमय (काल)।
यह द्रव्य नाम है।
२. विविध विवक्षा से द्रव्यों के द्विविधत्व का प्ररूपण
द्रव्य दो प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. परिणत (रूपान्तरित) २. अपरिणत द्रव्य दो प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. गति समापन्नक, २. अगतिसमापन्नक, द्रव्य दो प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. अनंतरावगाढ
२. परम्परावगाढ।
१. दव्वाण-णामाई
प. कइविहाणं भंते! दव्वा पण्णत्ता? उ. गोयमा! दुविहा दव्वा पण्णत्ता,तं जहा१. जीवदव्या य, २. अजीवदव्वा या
-विया.स.२५, उ.२, सु.१ प. से किं तं दव्व णामे? उ. दव्व णामे छविहे पण्णत्ते,तंजहा
१. धम्मत्थिकाए, २. अधम्मत्थिकाए, ३. आगासस्थिकाए, . ४. जीवत्थिकाए, ५. पोग्गलत्थिकाए, ६. अद्धासमए ।
से तंदव्व णामे
___ -अणु सु.२१८ २. विविह विवक्खया दव्वाणं दुविहत्त परूवणं
दुविहा दव्वा पण्णत्ता,तं जहा१. परिणया चेव
२. अपरिणया चेव दुविंहा दव्वा पण्णत्ता,तं जहा१. गतिसमावन्नगा चेव २. अगतिसमावन्नगा चेव दुविहा दव्वा पण्णत्ता,तं जहा१. अणंतरोगाढा चेव २. परम्परोगाढा चेव
-ठाणं. अ.२,उ.१, सु. ६३ ३. आणुपुव्वी आइ कमेण दव्व णामाई
प. से किं तं पुव्वाणुपुवी? उ. पुव्वाणुपुव्वी,तं जहा
१. धम्मत्थिकाए, २. अधम्मत्यिकाए, ३. आगासत्थिकाए, ४. जीवत्थिकाए, ५. पोग्गलत्थिकाए, ६. अद्धासमए।
से तं पुव्वाणुपुव्वी। प. से किं तं पच्छाणुपुव्वी? उ. पच्छाणुपुव्वी
६. अद्धासमए, ५. पोग्गलत्थिकाए, ४. जीवत्थिकाए, ३. आगासस्थिकाए, २. अधम्मत्थिकाए, १. धम्मत्थिकाए।
सेतं पच्छाणुपुवी। प. से किं तं अणाणुपुव्वी ? १. (क) प. से किं तं पण्णवणा?
उ. पण्णवणा दुविहा पण्णत्ता,तंजहा १. जीवपण्णवणाय २. अजीवपण्णवणा य।
-पण्ण.प.१.सु.३ (ख) प. से किं तं जीवाजीवाभिगमे?
उ. मोयमा! जीवाजीवाभिगमे दुविहे पण्णत्ते,तं जहा१. जीवाभिगमे य, २.अजीवाभिगमे य। -जीवा. पडि.१, सु.२
३. आनुपूर्वी आदि के क्रम से द्रव्यों के नाम
प्र. भंते ! पूर्वानुपूर्वी का क्या क्रम है? ___उ. पूर्वानुपूर्वी का यह क्रम है, यथा
१. धर्मास्तिकाय, २. अधर्मास्तिकाय, ३. आकाशास्तिकाय, ४. जीवास्तिकाय, ५. पुद्गलास्तिकाय, ६. अद्धाकाल।
यह पूर्वानुपूर्वी का क्रम हुआ। प्र. पश्चानुपूर्वी का क्या क्रम है? उ. पश्चानुपूर्वी का यह क्रम है
६. अद्धाकाल, ५. पुद्गलास्तिकाय, ४. जीवास्तिकाय, ३. आकाशास्तिकाय, २. अधर्मास्तिकाय, १. धर्मास्तिकाय।
यह पश्चानुपूर्वी का क्रम हुआ। प्र. भंते! अनानुपूर्वी का क्या क्रम है ? (ग) दुवे रासी पण्णत्ता,तं जहा१. जीवरासी य, २. अजीवरासी य।
-सम.सु.१४९/१ (घ) उत्त.अ.३६, गा.४८ २. (क) विया.स.२५ उ.४,सु.८ (ख) अणु.सु.२६९