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- द्रव्यानुयोग-(१) १. ऋषिदास, २. धन्य, ३. सुनक्षत्र, ४. कार्तिक, ५. संस्थान, ६. शालिभद्र, ७. आनन्द, ८. तेतली, ९. दशार्णभद्र, १०. अतिमुक्त।
५. आचारदशा के दस अध्ययन कहे गए हैं, यथा
१. बीस असमाधिस्थान, २. इक्कीस शबलदोष, ३. तेतीस आशातना, ४. अष्टविध गणिसम्पदा, ५. दस चित्त-समाधिस्थान, ६. ग्यारह उपासकप्रतिमा,
१.ईसिदासे य,२.धण्णे य,३.सुणक्खत्ते य,४.कातिए ति य। ५. संठाणे, ६.सालिभद्दे य,७.आणंदे, ८.तेतली ई य। ९. दसन्नभद्दे, १०. अतिमुत्ते, एमेए दस
आहिया ॥४॥ ५. आयारदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता,तं जहा
१. वीसं असमाहिट्ठाणा, २. एगवीसं सबला, ३. तेत्तीसं आसायणाओ, ४. अट्ठविहा गणिसंपया, ५. दस चित्तसमाहिट्ठाणा, ६. एगारस
उवासगपडिमाओ, ७. बारस भिक्खुपडिमाओ, ८. पज्जोसवणाकप्पो,
९. तीसं मोहणिज्जट्ठाणा, १०.आजाइट्ठाणं ॥५॥ ६. पण्हावागरणदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता,तं जहा१. उवमा,
२. संखा, ३. इसिभासियाई, ४. आयरियभासियाई, ५. महावीरभासियाइं, ६. खोमगपसिणाई, ७. कोमलपसिणाई, ८. अद्दागपसिणाई,
९. अंगुठ्ठपसिणाईं, १०. बाहुपसिणाई ॥६॥ ७. बंधदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता,तं जहा१. बंधे य,
२. मोक्खे य, ३. देवद्धि,
४. दसारमंडले विय, ५. आयरियविप्पडिवत्ती, ६. उवज्झायविप्पडिवत्ती, ७. भावणा,
८. विमुत्ती, ९. साओ,
१०. कम्मे ॥७॥ ८. दोगिद्धिदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता,तं जहा१. वाते,
२. विवाते, ३. उववाते, ४. सुक्खेत्ते, ५. कसिणे,
६. बायालीसं सुमिणा, ७. तीसं महासुमिणा, ८. बावत्तरि सव्वसुमिणा, ९. हारे, १०. राम-गुत्ते य एमेए दस
आहिया ॥८॥ दीहदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता,तं जहा१. चंदे,
२. सूरे, ३. सुक्के य, ४. सिरिदेवी, ५. पभावती, ६. दीवसमुद्दोववत्ती, ७. बहुपुत्ती मंदरे ईय, ८. थेरे संभूतविजए,
९. थेरे पम्ह, १०. ऊसासनीसासे ॥९॥ १०. संखेवियदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता,तं जहा
१. खुड्डिया विमाणपविभत्ती, २. महल्लिया विमाणपविभत्ती, ३. अंगचूलिया, ४. वग्गचूलिया, ५. विवाहचूलिया, ६. अरुणोववाए, ७. वरुणोववाए, ८. गरुलोववाए, ९. वेलंधरोववाए, १०. वेसमणोववाए ॥१०॥
-ठाणं. अ.१०,सु.७५५
७. बारह भिक्षुप्रतिमा, ८. पर्युषणाकल्प,
९. तीस मोहनीयस्थान, १०. आयतिस्थान (निदान) ६. प्रश्नव्याकरणदशा के दस अध्ययन कहे गए हैं, यथा१. उपमा,
२. संख्या, ३. ऋषिभाषित, ४. आचार्यभाषित, ५. महावीरभाषित, ६. क्षोमकप्रश्न, ७. कोमलप्रश्न, ८. आदर्शप्रश्न,
९. अंगुष्ठ प्रश्न, १०. बाहुप्रश्न। ७. बंधदशा के दस अध्ययन कहे गए हैं, यथा१. बंध,
२. मोक्ष, ३. देवर्द्धि,
४. दशार्मण्डल, ५. आचार्यविप्रतिपत्ति, ६. उपाध्यायविप्रतिपत्ति, ७. भावना,
८. विमुक्ति, ९. सात,
१०. कर्म। ८. द्विगृद्धिदशा के दस अध्ययन कहे गए हैं, यथा१. वाद
२. विवाद, ३. उपपात,
४. सुक्षेत्र, ५. कृत्स्न ,
६. बयालीस स्वप्न, ७. तीस महास्वप्न, ८. बहत्तर सर्वस्वप्न, ९. हार,
१०. रामगुप्त।
९. दीर्घदशा के दस अध्ययन कहे गए हैं, यथा१. चन्द्र,
२. सूर्य, ३. शुक्र,
४. श्रीदेवी, ५. प्रभावती, ६. द्वीपसमुद्रोत्पत्ति, ७. बहुपुत्री मन्दरा, ८. स्थविर सम्भूतविजय,
९. स्थविर पक्ष्म, १०. उच्छ्वास-निःश्वास। १०. संक्षेपितदशा के दस अध्ययन कहे गए हैं, यथा
१. क्षुल्लिका विमानप्रविभक्ति, २. महती विमानप्रविभक्ति, ३. अंग चूलिका, ४. वर्गचूलिका, ५. विवाहचूलिका, ६. अरुणोपपात, ७. वरुणोपपात, ८. गरुडोपपात, ९. वेलंधरोपपात, १०. वैश्रमणोपपात।