Book Title: Dravyanuyoga Part 1
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj & Others
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 841
________________ ७३४ अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य आणुपुव्यीओ य अणाणुव्वीओ य अवत्तव्ययाई च। द्रव्यानुयोग-(१) ८. अथवा अनेक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध अनेक परमाणुपुद्गल और अनेक द्विप्रदेशिक स्कन्ध अनेक आनुपूर्वियां, अनानुपूर्वियां और अनेक अवक्तव्य रूप हैं। यह नैगम-व्यवहारनयसम्मत भंगोपदर्शनता है। सेतणेगम-ववहाराणं भंगोवदंसणया। -अणु. सु.१०३ १५०. सपोयारे प. ४.से किं तं समोयारे? णेगम-ववहाराणं आणुपुव्वीदव्याई कहिं समोयरंति? किं आणुपुव्यीदव्येहिं समोयरंति? अणाणुपुव्वीदव्येहिं समोयरंति? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरति? उ. णेगम-वयहाराणं आणुपुब्बीदव्याई आणुपुव्वीदव्येहि समोयरंति, णो अणाणुपुब्बीदव्येहिं समोयरंति, णो अवत्तव्वयदव्वेहि समोयरति। प. णेगम-ववहाराणं अणाणुपुव्यीदव्याई कहिं समोयरंति? किं आणुपुव्वीदव्वेहि समोयरंति? अणाणुपुव्वीदव्येहिं समोयरंति? अवत्तव्ययदव्वेहि समोयरंति? उ. णेगम ववहाराणं अणाणुपुव्यीदव्वाई णो आणुपुव्वीदव्येहि समोयरंति, अणाणुपुब्बीदव्येहि समोयरंति,णो अवत्तव्ययदव्येहि समोयरति। प. णेगम-ववहाराणं अवत्तव्वयदव्याई कहिं समोयरंति? १५०. समवतार प्र. ४. समवतार (समाविष्ट) क्या है? नैगम-व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य किसमें समाविष्ट होते हैं? क्या आनुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? अनानुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं? या अवक्तव्य द्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? नैगम-व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य आनुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं, अनानुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट नहीं होते हैं, अवक्तव्यद्रव्यों में समाविष्ट नहीं होते हैं। प्र. नैगम-व्यवहारनयसम्मत अनानुपूर्वीद्रव्य किसमें समाविष्ट होते हैं? क्या आनुपूर्वी द्रव्यों में समाविष्ट होते हैं? अनानुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? अवक्तव्यद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? उ. नैगम व्यवहारनयसम्मत-अनानुपूर्वीद्रव्य आनुपूर्वीद्रव्यों में और अवक्तव्यद्रव्यों में समाविष्ट नहीं होते हैं किन्तु अनानुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं। प्र. नैगम-व्यवहारनयसम्मत अवक्तव्यद्रव्य किसमें समाविष्ट होते हैं? क्या आनुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? अनानुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं? अवक्तव्यद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? उ. नैगम व्यवहारनयसम्मत-अवक्तव्यद्रव्य आनुपूर्वीद्रव्यों में और अनानुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट नहीं होते हैं, किन्तु अवक्तव्यद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं। यह समवतार है। १५१. अनुगम के भेद प्र. ५. अनुगम क्या है? उ. अनुगम नौ प्रकार के कहे गये है, यथा १. सत्पदप्ररूपणा, २. द्रव्यप्रमाण, ३. क्षेत्र, ४. स्पर्शना, ५.काल, ६. अन्तर,७. भाग,८. भाव,९. अल्पबहुत्व। किं आणुपुव्यीदव्येहिं समोयरंति? अणाणुपुव्वीदव्वेहि समोयरंति? अवत्तव्ययदव्येहिं समोयरंति? । उ. णेगम ववहाराणं अवत्तव्वयदव्वाई णो आणुपुव्वीदव्येहि समोयरति,णो अणाणुपुव्वीदव्वेहि समोयरंति,अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति। से तं समोयारे। -अणु.सु.१०४ १५१. अणुगमस्स भेया प. ५.से किं तं अणुगमे? उ. अणुगमे णवविहे पण्णत्ते,तं जहा १. संतपयपरूवणया, २. दव्वपमाणं च ३. खेत्त, ४. फुसणा य।५.कालो य ६.अंतर ७.भाग, ८.भाव, ९.अप्पाबहुचेव॥ प. १. णेगम-ववहाराणं आणुपुव्यीदव्याई किं अस्थि णत्थि ? उ. णियमा अत्थि। प्र. णेगम-ववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्याई किं अस्थि णत्थि? उ. णियमा अत्यि। प्र. १. नैगम-व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वी द्रव्य है अथवा नहीं है? उ. नियम से हैं। प्र. नैगम-व्यवहारनयसम्मत अनानुपूर्वी द्रव्य है अथवा नहीं है ? उ. नियम से हैं।

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