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• दृष्टि अध्ययन
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सादि सपर्यवसित का अंतर जघन्य अन्तर्मुहूर्त, उत्कृष्ट अनन्तकाल अर्थात् देशोन अपार्धपुद्गल परावर्त पर्यन्त है। अनादि अपर्यवसित मिथ्यादृष्टि का अन्तर नहीं है। अनादि सपर्यवसित मिथ्यादृष्टि का भी अन्तर नहीं है। सादि सपर्यवसित का अन्तर जघन्य अन्तर्मुहुर्त, उत्कृष्ट कुछ अधिक छियासठ सागरोपम है। सम्यग्मिथ्यादृष्टि का अंतर जघन्य अन्तर्मुहूर्त, उत्कृष्ट अनंतकाल देशोन अपार्धपुद्गल परावर्तन पर्यंत है।
साइयस्स सपज्जवसियस्स जहण्णेणं अंतोमुहत्तं. उक्कोसेणं अणतं कालं जाव अवड्ढं पोग्गलपरियट्ट देसूणं, मिच्छादिट्ठियस्स अणाइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं, अणाइयस्स सपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं, साइयस्स सपज्जवसियस्स जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं छावट्ठि सागरोवमाई साइरेगाई, सम्मामिच्छादिट्ठिस्स जहण्णेणं अंतीमुहुत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालं जाव अवड्ढं पोग्गलपरियट देसूणं।
-जीवा. पडि.९,सु.२३७ १०. सम्मद्दिट्टीआई जीवाणं अप्पबहुत्तंप. एएसि णं भंते ! जीवाणं सम्मदिट्ठी णं, मिच्छादिट्ठीण,
सम्मामिच्छादिट्ठीण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा !१.सव्वत्थोवा जीवा सम्मामिच्छादिट्ठी,
२. सम्मदिट्ठी अणंतगुणा, ३. मिच्छादिट्ठी अणंतगुणा।
-पण्ण.प.३,सु.२५६
१०. सम्यग्दृष्टि आदि जीवों का अल्पबहुत्वप्र. भंते ! सम्यग्दृष्टि, मिथ्यादृष्टि एवं सम्यग्मिध्यादृष्टि जीवों में
कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ?
उ. गौतम ! १. सबसे अल्प सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव हैं,
२. (उनसे) सम्यग्दृष्टि जीव अनन्तगुणे हैं, ३.(उनसे) मिथ्यादृष्टि जीव अनन्तगुणे हैं।
१. जीवा. पडि.९, सु.२३७