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द्रव्य अध्ययन
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२५)
उ. गोयमा ! १.२.-३. धम्मत्थिकाए, अधम्मस्थिकाए,
आगासत्थिकाए य एएणं तिण्णि वि तुल्ला दव्वठ्ठयाए सव्वत्थोवा। ४-५. धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए य एएणं दोण्णि वि तुल्ला पएसठ्ठयाए असंखेज्जगुणा, ६.जीवस्थिकाए दव्वट्ठयाए अणंतगुणे से चेव पएसठ्ठयाए असंखेज्जगुणे, ७. पोग्गलत्थिकाए दव्वठ्ठयाए अणंतगुणे से चेव पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणे, ८.अद्धासमए दव्वट्ठ-पएसठ्ठयाए अणंतगुणे,
उ. गौतम ! १. धर्मास्तिकाय, २. अधर्मास्तिकाय और
३. आकाशास्तिकाय, ये तीनों तुल्य हैं तथा द्रव्य की अपेक्षा सबसे अल्प हैं, ४-५ धर्मास्तिकाय और अधर्मास्तिकाय ये दोनों तुल्य हैं और प्रदेशों की अपेक्षा असंख्यातगुणे हैं, ६. जीवास्तिकाय द्रव्य की अपेक्षा अनन्तगुणा है और प्रदेशों की अपेक्षा असंख्यातगुणा है, ७, पुद्गगलास्तिकाय द्रव्य की अपेक्षा अनन्तगुणा है वही प्रदेशों की अपेक्षा असंख्यातगुणा है, ८. अद्धा-समय (काल) द्रव्य की ओर प्रदेशों की अपेक्षा अनन्तगुणा है, ९. आकाशास्तिकाय प्रदेशों की अपेक्षा अनन्त गुणा है।
९.आगासत्थिकाएपएसट्टयाए अणंतगुणे।
-पण्ण.प.३, सु. २७०-२७३ २८. जीव-पोग्गल-अद्धासमयाईणं अप्पबहुत्तं
२८. जीव-पुद्गल-अद्धासमय आदि (सर्वप्रदेश और सब पर्यायों)
के अल्पबहुत्व का प्ररूपणप्र. भंते ! इन जीवों, पुद्गलों, अद्धा-समयों, सर्वद्रव्यों, सर्वप्रदेशों
और सर्वपर्यायों में से कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं ?
प. एएसि णं भंते ! जीवाणं पोग्गलाणं अद्धासमयाणं
सव्वदव्वाणं सव्वपदेसाणं सव्वपज्जवाण य कयरे .
कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा जीवा,
२. पोग्गला अणंतगुणा, ३. अद्धासमया अणंतगुणा, ४. सव्वदव्वा विसेसाहिया, ५. सव्वपदेसा अणंतगुणा, ६. सव्वपज्जवा अणंतगुणार
पण्ण.प.३.सु.२७५
उ. गौतम ! १. सबसे अल्प जीव हैं,
२. (उनसे) पुद्गल अनन्तगुणे हैं, ३. (उनसे) अद्धासमय अनन्तगुणे हैं, ४. (उनसे) सर्वद्रव्य विशेषाधिक हैं, ५. (उनसे) सर्वप्रदेश अनन्तगुणे हैं, ६. (उनसे) सर्वपर्याय अनन्तगुणे हैं।
१. विया. स. २५, उ.४,सु. १७
२. विया.स.२५, उ.३,सु. १२०