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जीव अध्ययन
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२६. सिद्धाइ गुणाणं णामाणि
इक्कतीसं सिद्धाइगुणा पण्णत्ता,तं जहा
१. खीणे आभिणिबोहियणाणावरणे, २. खीणे सुयणाणावरणे, ३. खीणे ओहिणाणावरणे, ४. खीणे मणपज्जवणाणावरणे, ५. खीणे केवलणाणावरणे, ६. खीणे चक्खुदंसणावरणे, ७. खीणे अचक्खुदंसणावरणे, ८. खीणे ओहिदसणावरणे, ९. खीणे केवलदसणावरणे, १०. खीणा निद्दा, ११. खीणा णिहाणिद्दा, १२. खीणा पयला, १३. खीणा पयलापयला, १४. खीणा थीणगिद्धी, १५. खीणे सायावेयणिज्जे, १६. खीणे असायावेयणिज्जे, । १७. खीणे दंसणमोहिणिज्जे, १८. खीणे चरित्तमोहणिज्जे, १९. खीणे नेरइयाउए, २०. खीणे तिरियाउए, २१. खीणे मणुस्साउए, २२. खीणे देवाउए, २३. खीणे सुभणामे, २४. खीणे असुभणामे, २५. खीणे उच्चागोए, २६. खीणे नियागोए, २७. खीणे दाणंतराए, २८. खीणे लाभंतराए, २९. खीणे भोगंतराए, ३०. खीणे उवभोगंतराए, ३१. खीणे वीरियंतराए।
२६. सिद्धों के आदिगुणों के नाम
सिद्ध के आदि गुण अर्थात् मुक्त होने के प्रथम क्षण में होने वाले गुण इकतीस कहे गए हैं, यथा१. क्षीण आभिनिबोधिक ज्ञानावरण, २. क्षीण श्रुत ज्ञानावरण, ३. क्षीण अवधि ज्ञानावरण, ४. क्षीण मनःपर्यव ज्ञानावरण, ५. क्षीण केवल ज्ञानावरण, ६. क्षीण चक्षु दर्शनावरण, ७. क्षीण अचक्षु दर्शनावरण, ८. क्षीण अवधि दर्शनावरण, ९. क्षीण केवल दर्शनावरण, १०. क्षीण निद्रा, ११. क्षीण निद्रा-निद्रा, १२. क्षीण प्रचला, १३. क्षीण प्रचला-प्रचला, १४. क्षीण स्त्यानगृद्धि, १५. क्षीण सातावेदनीय, १६. क्षीण असातावेदनीय, १७. क्षीण दर्शनमोहनीय, १८. क्षीण चारित्र मोहनीय, १९. क्षीण नरकायु, २०. क्षीण तिर्यञ्चायु, २१. क्षीण मनुष्यायु, २२. क्षीण देवायु, २३. क्षीण शुभ नाम, २४. क्षीण अशुभ नाम, २५. क्षीण उच्चगोत्र, २६. क्षीण नीचगोत्र, २७. क्षीण दानान्तराय, २८. क्षीण लाभान्तराय, २९. क्षीण भोगान्तराय, ३०. क्षीण उपभोगान्तराय, ३१. क्षीण वीर्यान्तराय।
-सम.सम.३१,सु.१
२७. सिद्धाणं ओगाहणा परूवणं
जं संठाणं तु इहं, भवं चयंतस्स चरिमसमयंमि। आसी य पएसघणं,तं संठाणं तहिं तस्स॥ दीहं वा हस्सं वा,जं चरिमभवे हवेज्ज संठाणं। तत्तो तिभागहीणं, सिद्धाणोगाहणा भणिया॥
- २७. सिद्धों की अवगाहना का प्ररूपण
देह का त्याग करते समय अन्तिम समय में जो प्रदेश घन आकार होता है वही आकार उनका सिद्ध स्थान में रहता है। अन्तिम भव में छोटा बड़ा जैसा आकार होता है उससे तिहाई भाग कम सिद्धों की अवगाहना कही गई है।