________________
इन्द्रिय अध्ययन
उ. गोयमा ! णत्थि बद्धेल्लगा संखेज्जा, पुरेक्खडा णत्थि ।
- पण्ण. प. १५, उ. २, सु. १०५८-१०६७
२७. कक्खडाइ इंदियगुणाणं परिमाणं अप्पबहुत्त व परूवणं
प सोइंदिवरस णं भंते! केवइया कक्लड - गरुयगुणा पण्णत्ता ?
उ. गोयना ! अनंता कक्खड-गरुयगुणा पण्णत्ता।
एवं जाव फासिंदियस्स ।
प. सोइंदियस्स णं भंते ! केवइया मउय-लहुयगुणा पण्णत्ता ? उ. गौयमा ! अनंता मउय लहुगुणा पण्णत्ता। एवं जाव फासिंदियरस ।
प. एएसि णं भंते ! सोइंदिय चक्लिंदिय-पाणिदियजिम्मिंदिय- फासिदियाणं कक्खड-गरुयगुणानं मउयलहुयगुणानं, कक्खड गरुयगुण-मउय लहुयगुणाण य कपरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गौयमा १ सव्वत्थोवा चक्खिदियस्स कक्सड गरुयगुणा,
२. सोइदियरस कक्खड गरुयगुणा अनंतगुणा, ३. पाणिदियस्स कक्खड गरुयगुणा अनंतगुणा, ४. जिब्भिंदियस्स कक्खड गरुयगुणा अणंतगुणा, ५. फासेदिवस्स कक्सड गरुवगुणा अनंतगुणा। मउय-लहुयगुणार्ण
१. सव्वत्थोवा फासिंदियस्स मउय-लहुयगुणा, २. जिब्मिदिवस मउय-लहुयगुणा अनंतगुणा, ३. पाणिदियस्स मउय सहुयगुणा अनंतगुणा, ४. सोइंदियस्स मउय-लहुयगुणा अनंतगुणा, ५. चविदियस मउय-लहुगुणा अनंतगुणा, कक्खड गरुयगुणार्ण मउय-लहुयगुणाण व१. सव्वत्योवा चक्खिदियरस कक्लड-गरुयगुणा, २. सोइंदियस्स कक्खड़-गरुयगुणा अनंतगुणा, ३. धाणिदियरस कक्खड गरुयगुणा अनंतगुणा, ४. जिम्मिंदिवस कक्खड-गरुवगुणा अनंतगुणा, ५. फासिंदियस्स कक्खड-गरुयगुणा अनंतगुणा, ६. फासिंदियरस कक्खड-गरुयगुणेहिंतो तस्स चैव मउय लहुगुणा अनंतगुणा,
७. जिम्मिंदियस्स मउय-लहुयगुणा अनंतगुणा, ८. घाणिदियस्स मउय-लहुयगुणा अनंतगुणा, ९. सोइदियस्स मउय सहुगुणा अनंतगुणा, १०. चक्खिंदियस्स मउय-लहुयगुणा अनंतगुणा, - पण्ण. प. १५, उ. १, सु. ९८०-९८२
२८. सइंदियाणिंदिय जीवाणं कायट्ठई परूवणंप. सईदिए णं भंते! सईदिए ति कालओ केवचिर होइ ?
४९९
उ. गौतम अतीत भावेन्द्रियां नहीं है, बद्ध भावेन्द्रियां संख्यात है, पुरस्कृत भावेन्द्रियां नहीं है।
२७. कर्कश आदि इन्द्रियगुणों के परिमाण और अल्पबहुत्व का
प्ररूपण
प्र. भन्ते ! श्रोत्रेन्द्रिय के कर्कश और गुरु गुण कितने कहे गए हैं ?
उ. गौतम ! श्रोत्रेन्द्रिय के अनन्त कर्कश और गुरु गुण कहे गए हैं।
इसी प्रकार स्पर्शेन्द्रिय पर्यन्त जानना चाहिए।
प्र.
भन्ते श्रोत्रेन्द्रिय के मृदु और लघु गुण कितने कहे गए हैं? उ. गौतम ! श्रोत्रेन्द्रिय के मृदु और लघु गुण अनन्त कहे गए हैं। इसी प्रकार स्पर्शेन्द्रिय पर्यन्त जानना चाहिए।
प्र. भन्ते इन श्रोत्रेन्द्रिय, चक्षुरिन्द्रिय, प्राणेन्द्रिय, जिह्वेन्द्रिय और स्पर्शेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुणों और मृदु लघु गुणों और कर्कश गुरुगुणो मृदुलघुगुणों में से कौन किससे अल्प यावत् विशेषाधिक है?
उ. गौतम ! १. सबसे कम चक्षुरिन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण हैं,
२. ( उनसे श्रोत्रेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनन्तगुणे है, ३. ( उनसे) घ्राणेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनन्तगुणे हैं, ४. ( उनसे ) जिह्वेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनन्तगुणे हैं, ५. ( उनसे स्पर्शेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनन्तगुणे हैं। मृदु लघु गुणों में से
१. सबसे अल्प स्पर्शेन्द्रिय के मृदु लघु गुण है,
२. ( उनसे ) जिह्वेन्द्रिय के मृदु लघु गुण अनन्तगुणे हैं,
३. ( उनसे प्राणेन्द्रिय के मृदु लघु गुण अनन्तगुणे हैं, ४. ( उनसे ) श्रोत्रेन्द्रिय के मृदु लघु गुण अनन्तगुणे हैं, ५. ( उनसे) चक्षुरिन्द्रिय के मृदु लघु गुण अनन्तगुणे हैं। कर्कश गुरु गुण और मृदु लघु गुणों में से१. सबसे अल्प चरिन्द्रिय के कर्कश गुरु गुन है, २. ( उनसे) श्रोत्रेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनन्तगुणे हैं, ३. (उनसे) घ्राणेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनन्तगुणे हैं, ४. ( उनसे) जिह्वेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनन्तगुणे हैं,
५. ( उनसे) स्पर्शेन्द्रिय के कर्कश गुरु गुण अनन्तगुणे हैं।
६. स्पन्द्रिय के कर्कश गुरु गुणों से उसी के मृदु लघु गुण अनन्तगुणे हैं,
७. ( उनसे ) जिह्वेन्द्रिय के मृदु लघु गुण अनन्तगुणे हैं, ८. ( उनसे) घ्राणेन्द्रिय के मृदु लघु गुण अनन्तगुणे है, ९. ( उनसे) श्रोत्रेन्द्रिय के मृदु लघु गुण अनन्तगुणे हैं, १०. ( उनसे) चक्षुरिन्द्रिय के मृदु लघु गुण अनन्तगुणे हैं।
२८. सेन्द्रिय अनिन्द्रिय जीवों की कायस्थिति का प्ररूपणप्र. भंते ! सेन्द्रिय (इन्द्रिय सहित ) जीव सेन्द्रिय रूप में कितने काल तक रहता है ?