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प्रयोग अध्ययन
मागाय,
७१. (७) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्पओगी
य, आहारगसरीरकायप्पओगिणो य, आहारगमीसग-सरीरकायप्पओगिणो य, कम्मगसरीर
कायप्पओगीय, ७२. (८) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीरकायप्पओगी
य, आहारगसरीरकायप्पओगिणो य, आहारगमीसगसरीरकायप्पओगिणो य, कम्मगसरीर
कायप्पओगिणो य, ७३. (९) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीर
कायप्पओगिणो य, आहारगसरीरकायप्पओगी य, आहारगमीसगसरीरकायप्पओगी य, कम्मगसरीर
कायप्पओगी य, ७४. (१०) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीर
कायप्पओगिणो य, आहारगसरीरकायप्पओगी य, आहारगमीसगसरीरकायप्पओगी य, कम्मगसरीर
कायप्पओगिणो य, ७५. (११) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीर
कायप्पओगिणो य, आहारगसरीरकायप्पओगी य, आहारगमीसगसरीरकायप्पओगिणो य, कम्मग
सरीर-कायप्पओगी य, ७६. (१२) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीर
कायप्पओगिणो य, आहारगसरीरकायप्पओगी य, आहारगमीसगसरीरकायप्पओगिणो य, कम्मग
सरीर-कायप्पओगिणो य, ७७. (१३) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीर
कायप्पओगिणो य, आहारगसरीरकायप्पओगिणो य, आहारगमीसगसरीरकायप्पओगी य, कम्मग
सरीर-कायप्पओगी य, ७८. (१४) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीर
कायप्पओगिणो य, आहारगसरीरकायप्पओगिणो य, आहारगमीसगसरीरकायप्पओगी य, कम्मग
सरीर-कायप्पओगिणो य, ७९. (१५) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीर
कायप्पओगिणो य, आहारगसरीरकायप्पओगिणो य, आहारगमीसगसरीरकायप्पओगिणो य, कम्मग
सरीर-कायप्पओगी य, ८०. (१६) अहवेगे य ओरालियमीसगसरीर
कायप्पओगिणो य, आहारगसरीरकायप्पओगिणो य, आहारगमीसगसरीरकायप्पओगिणो य, कम्मग
सरीर-कायप्पओगिणो य, एवं एए चउसंजोएणं सोलस भंगा भवंति। सव्वेवि यणं सपिंडिया असीति भंगा भवंति।
७१. (७) अथवा एक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी,
अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीर-कायप्रयोगी और एक कार्मणशरीर
कायप्रयोगी होता है, ७२. (८) अथवा एक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी,
अनक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीर-कायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीर
कायप्रयोगी होते हैं, ७३. (९) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी,
एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीर-कायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी
होता है, ७४. (१०) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी,
एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीर-कायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकानप्रयोगी
होते हैं, ७५. (११) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी,
एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीर-कायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी
होता है, ७६. (१२) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी,
एक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीर-कायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी
होते हैं, ७७. (१३) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी,
अनक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीर-कायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी
होता है, ७८. (१४) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी,
अनेक आहारकशरीरकायप्रयोगी, एक आहारकमिश्रशरीर-कायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीरकायप्रयोगी
होते हैं, '७९. (१५) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी,
अनक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और एक कार्मणशरीरकायप्रयोगी होता है, (१६) अथवा अनेक औदारिकमिश्रशरीर-कायप्रयोगी, अनक आहारकशरीरकायप्रयोगी, अनेक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी और अनेक कार्मणशरीर
कायप्रयोगी होते हैं, इस प्रकार चतुःसंयोगी से सोलह भंग होते हैं। ये सभी (असंयोगी ८,द्विकसंयोगी २४, त्रिकसंयोगी ३२ और चतुःसंयोगी १६ ये सब (मिलकर) अस्सी भंग होते हैं। दं. २२-२४. वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक देवों के प्रयोग असुरकुमारों के प्रयोग के समान समझना चाहिए।
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दं. २२-२४. वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा। -पण्ण.प.१६, सु. १०७७-१०८४