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द्रव्यानुयोग-(१) प्र. अयोगि-केवलि-क्षीणकषाय-वीतराग-चारित्रार्य कितने प्रकार
प. से किं तं अजोगिकेवलि-खीणकसाय-वीयराय-
चरित्तारिया ? उ. अजोगिकेवलि-खीणकसाय-वीयराय-चरित्तारिया दुविहा
पण्णत्ता,तं जहा१. पढमसमय-अजोगिकेवलि-खीणकसाय-वीयराय
चरित्तारिया य। २. अपढमसमय-अजोगिकेवलि-खीणकसाय-वीयराय
चरित्तारिया य। अहवा- १. चरिमसमय-अजोगिकेवलि-खीणकसाय-वीयराय
चरित्तारिया य, २. अचरिमसमय - अजोगिकेवलि - खीणकसाय -
वीयराय -चरित्तारिया य। सेतं अजोगिकेवलि-खीणकसाय-वीयराय-चरित्तारिया।
सेतं केवलि-खीणकसाय-वीयराय-चरित्तारिया। सेतं खीणकसाय-वीयराय-चरित्तारिया।
से तं वीयराय-चरित्तारिया। अहवा- चरित्तारिया पंचविहा पण्णत्ता,तं जहा
१. सामाइय-चरित्तारिया, २. छेदोवट्ठावणिय-चरित्तारिया, ३. परिहारविसुद्धिय-चरित्तारिया, ४. सुहुम-संपराय-चरित्तारिया,
५. अहक्खाय-चरित्तारिया। प. से किंतं सामाइय-चरित्तारिया? उ. सामाइय-चरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता,तं जहा
१. इत्तरिय-सामाइय-चरित्तारिया य, २. आवकहिय-सामाइय-चरित्तारिया य।
सेतं सामाइय-चरित्तारिया। प, से किं तं छेदोवट्ठावणिय-चरित्तारिया ? उ. छेदोवट्ठावणिय-चरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता,तं जहा
१. साइयार-छेदोवट्ठावणिय-चरित्तारिया य, २. णिरइयार-छेदोवट्ठावणिय-चरित्तारिया य।
सेतं छेदोवट्ठावणिय-चरित्तारिया। प. से किं तं परिहार-विसुद्धिय-चरित्तारिया ? उ. परिहार-विसुद्धिय-चरित्तारिया दुविहा पण्णता,तं जहा
१. निविसमाण-परिहार-विसुद्धिय-चरित्तारिया य, २. निविट्ठकाइय-परिहार-विसुद्धिय-चरित्तारिया य।
सेतं परिहार-विसुद्धिय-चरित्तारिया। प. से किं तं सुहुम-संपराय-चरित्तारिया ? उ. सुहुम-संपराय-चरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता,तं जहा
. उ. अयोगि-केवलि-क्षीणकषाय-वीतराग-चारित्रार्य दो प्रकार के
कहे गए हैं, यथा१. प्रथमसमय-अयोगि-के वलि-क्षीणकषाय-वीतराग
चारित्रार्य, २. अप्रथमसमय-अयोगि-केवलि-क्षीणकषाय-वीतराग
चारित्रार्य। अथवा- १. चरमसमय-अयोगि-के वलि-क्षीणकषाय-वीतराग
चारित्रार्य, २. अचरमसमय- अयोगि- केवलि-क्षीणकषाय- वीतराग
चारित्रार्य। यह अयोगि-केवलि-क्षीणकषाय-वीतराग-चारित्रार्यों का वर्णन पूर्ण हुआ। यह केवलि-क्षीणकषाय-वीतराग-चारित्रार्यों का वर्णन हुआ। यह क्षीणकषाय-वीतराग-चारित्रार्यों का वर्णन हुआ।
यह वीतराग-चारित्रार्यों का वर्णन हुआ। अथवा- चारित्रार्य पाँच प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. सामायिक-चारित्रार्य, २. छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्य, ३. परिहारविशुद्धिक-चारित्रार्य, ४. सूक्ष्म-सम्पराय-चारित्रार्य,
५. यथाख्यात-चारित्रार्य। प्र. सामायिक-चारित्रार्य कितने प्रकार के हैं ? उ. सामायिक-चारित्रार्य दो प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. अल्पकालीन सामायिक चारित्रार्य, २. यावज्जीवन सामायिक-चारित्रार्य।
यह सामायिक-चारित्रार्य का निरूपण हुआ। प्र. छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्य कितने प्रकार के हैं ? उ. छेदोपस्थापनिक चारित्रार्य दो प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. सदोष छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्य, २. निर्दोष छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्य।
यह छेदोपस्थापनिक-चारित्रार्यों का वर्णन हुआ। प्र. परिहार-विशुद्धिकचारित्रार्य कितने प्रकार के हैं ? उ. परिहार-विशुद्धिकचारित्रार्य दो प्रकार के कहे गए हैं, यथा
१. निर्विश्यमानक-परिहार-विशुद्धि-चारित्रार्य, २. निर्विष्टकायिक-परिहार-विशुद्धि-चारित्रार्य।
यह परिहार-विशुद्धिकचारित्रार्यों का वर्णन हुआ। प्र. सूक्ष्म-सम्पराय-चारित्रार्य कितने प्रकार के हैं ? उ. सूक्ष्म-सम्पराय-चारित्रार्य दो प्रकार के कहे गए हैं, यथा