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द्रव्यानुयोग-(१)
४. परिणामऽ ज्झयणं
४. परिणाम - अध्ययन
सूत्र
सूत्र
१. परिणाम के भेद
प्र. भंते ! परिणाम कितने प्रकार के कहे गये हैं ? उ. गौतम ! परिणाम दो प्रकार का कहा गया है, यथा
१. जीव-परिणाम, २. अजीव परिणाम।
१. परिणाम भेया
प. कइविहे णं भंते ! परिणामे पण्णत्ते? उ. गोयमा ! दुविहे परिणामे पण्णत्ते,तं जहा१.जीवपरिणामे य, २. अजीवपरिणामे य।
-पण्ण. प. १३, सु. ९२५ २. जीव परिणाम भेयप्पभेय परूवणं
प. जीवपरिणामेणं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? उ. गोयमा ! दसविहे पन्नत्ते, तंजहा
१. गइपरिणामे, २. इंदियपरिणामे, ३. कसायपरिणामे, ४. लेस्सापरिणामे, ५. जोगपरिणामे, ६. उवओगपरिणामे, ७. णाणपरिणामे, ८. दंसणपरिणामे,
९. चरित्तपरिणामे, .१०. वेयपरिणाम। प. १.गइपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? उ. गोयमा ! चउव्विहे पन्नत्ते, तंजहा
१. निरयगइपरिणामे, २. तिरियगइपरिणामे,
३. मणुयगइपरिणामे, ४. देवगइपरिणामे। प. २.इंदियपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णते? उ. गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा
१. सोइंदियपरिणामे, २. चक्खिंदियपरिणामे, ३. घाणिंदियपरिणामे, ४. जिब्भिंदियपरिणामे,
५. फासिंदियपरिणामे। प. ३. कसायपरिणामे, णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? उ. गोयमा ! चउविहे पण्णत्ते, तं जहा
१. कोहकसायपरिणामे, २. माणकसायपरिणामे,
३. मायाकसायपरिणामे, ४. लोभकसायपरिणामे। प. ४.लेस्सापरिणामेणं भंते ! कइविहे पण्णते? उ. गोयमा ! छव्विहे पण्णत्ते,तं जहा
१. कण्हलेसापरिणामे, २. नीललेसापरिणामे, ३. काउलेसापरिणामे, ४. तेउलेसापरिणामे,
५. पम्हलेसापरिणामे, ६. सुक्कलेसापरिणामे। प. ५.जोगपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? उ. गोयमा ! तिविहे पण्णत्ते,तं जहा
१. मणजोगपरिणामे, २. वइजोगपरिणामे, ३. कायजोगपरिणामे।
२. जीव-परिणाम के भेद-प्रभेदों का प्ररूपण
प्र. भंते ! जीव परिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! (जीवपरिणाम) दस प्रकार का कहा गया है, यथा
१. गतिपरिणाम, २. इन्द्रियपरिणाम, ३. कषायपरिणाम, ४. लेश्यापरिणाम, ५. योगपरिणाम,
६. उपयोगपरिणाम, ७. ज्ञानपरिणाम, ८. दर्शनपरिणाम,
९. चारित्रपरिणाम, १०. वेदपरिणाम। प्र. १. भंते ! गतिपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! (गतिपरिणाम) चार प्रकार का कहा गया है, यथा
१. निरयगतिपरिणाम, २. तिर्यग्गतिपरिणाम,
३. मनुष्यगतिपरिणाम, ४. देवगतिपरिणाम, प्र. २. भंते ! इन्द्रियपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! पांच प्रकार का कहा गया है, यथा
१. श्रोत्रेन्द्रियपरिणाम, २. चक्षुरिन्द्रियपरिणाम, ३. घ्राणेन्द्रियपरिणाम, ४. जिह्वेन्द्रियपरिणाम,
५. स्पर्शेन्द्रियपरिणाम। प्र. ३. भंते ! कषायपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! कषायपरिणाम चार प्रकार का कहा गया है, यथा
१. क्रोधकषायपरिणाम, २. मानकषायपरिणाम,
३. मायाकषायपरिणाम, ४. लोभकषायपरिणाम। प्र. ४. भंते ! लेश्यापरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! (लेश्यापरिणाम) छह प्रकार का कहा गया है, यथा
१. कृष्णलेश्यापरिणाम, २. नीललेश्यापरिणाम, ३. कापोतलेश्यापरिणाम, ४. तेजोलेश्यापरिणाम,
५. पद्मलेश्यापरिणाम, ६. शुक्ललेश्यापरिणाम। प्र. ५. भंते ! योगपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! (योगपरिणाम) तीन प्रकार का कहा गया है, यथा
१. मनोयोगपरिणाम, २. वचनयोगपरिणाम, ३. काययोगपरिणाम।
१. ठाणं.अ.१०.सु.७१३/१