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(८) स्पर्श के पर्यायों की अपेक्षा से तथा (९) तीन ज्ञान (१०) तीन अज्ञान, (११) तीन दर्शन पर्यायों की अपेक्षा से षट्स्थानपतित है। इस कारण से गौतम ! ऐसा कहा जाता है कि"उत्कृष्ट अवगाहना वाले नैरयिकों के अनन्त पर्याय हैं।"
प्र. भंते ! अजघन्य-अनुत्कृष्ट (मध्यम) अवगाहना वाले नैरयिकों
के कितने पर्याय कहे गए हैं ? उ. गौतम ! अनन्त पर्याय कहे गये हैं। प्र. भंते ! किस कारण से ऐसा कहा जाता है कि
"मध्यम अवगाहना वाले नैरयिकों के अनन्त पर्याय हैं ?"
पर्याय अध्ययन
(८) फासपज्जवेहि, (९) तिहिं णाणपज्जवेहिं, (१०)तिहिं अण्णाणपज्जवेहि, (११) तिहिं दसणपज्जवेहिं य छट्ठाणवडिए। से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ"उक्कोसोगाहणगाणं नेरइयाणं अणंता पज्जवा
पण्णत्ता।" प. अजहण्णुक्कोसोगाहणगाणं भंते ! नेरइयाणं केवइया
पज्जवा पण्णत्ता? उ. गोयमा ! अणंता पज्जवा पण्णत्ता। प. से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ
"अजहण्णुक्कोसोगाहणगाणं नेरइयाणं अणंता पज्जवा
पण्णत्ता?" उ. गोयमा ! अजहण्णुक्कोसोगाहणए णेरइए अजहण्णुक्को- .
सोगाहणगस्स णेरइयस्स(१) दव्वट्ठयाए तुल्ले, (२) पदेसट्टयाए तुल्ले, (३) ओगाहणट्ठयाए-१. सिय हीणे, २. सिय तुल्ले,
३.सिय अब्भहिए। जइ हीणे१. असंखेज्जइभागहीणे वा, २.संखेज्जइभागहीणे वा, ३. संखेज्जगुणहीणे वा, ४.असंखेज्जगुणहीणे वा, अह अब्भहिए१. असंखेज्जइभागअब्भहिए वा, २. संखेज्जइभागअब्भहिए वा, ३. संखेज्जगुणअब्भहिए वा,
४. असंखेज्जगुणअब्भहिए वा। (४) ठिईए-१.सिय हीणे,२.सिय तुल्ले,३.सिय अब्भहिए
उ. गौतम ! मध्यम अवगाहना वाला एक नारक, अन्य मध्यम
अवगाहना वाले नारक से(१) द्रव्य की अपेक्षा तुल्य है, (२) प्रदेशों की अपेक्षा तुल्य है, (३) अवगाहना की अपेक्षा कदाचित् हीन, कदाचित् तुल्य
और कदाचित् अधिक है। यदि हीन है तो१. असंख्यातवें भाग हीन है,२. संख्यातवें भाग हीन है, ३. संख्यातगुण हीन है, ४. असंख्यातगुण हीन है। यदि अधिक है तो१. असंख्यातवें भाग अधिक है, २. संख्यातवें भाग अधिक है, ३. संख्यातगुण अधिक है, .
४. असंख्यातगुण अधिक है। . (४) स्थिति की अपेक्षा-१.कदाचित् हीन है,२. कदाचित् तुल्य है,
३. कदाचित् अधिक हैं। यदि हीन है तो१. असंख्यातवें भाग हीन है,२. संख्यातवें भाग हीन है, ३. संख्यातगुण हीन है, ४. असंख्यातगुण हीन है। यदि अधिक है तो१. असंख्यातवें भाग अधिक है, २. संख्यातवें भाग अधिक है, ३. संख्यातगुण अधिक है, ४. असंख्यातगुण अधिक है, ५. वर्ण, ६. गन्ध, ७. रस और ८. स्पर्श के पर्यायों की अपेक्षा सं , ९. तीन ज्ञान, १०.तीन अज्ञान, ११. तीन दर्शन पर्यायों की अपेक्षा से षट् स्थानपतित हैं।
जइ हीणे१. असंखेज्जइभागहीणे वा,२.संखेज्जइभागहीणे वा, ३. संखेज्जगुणहीणे वा, ४.असंखेज्जगुणहीणे वा। अह अब्भहिए१. असंखेज्जइभागअब्भहिए वा, २. संखेज्जइभागअब्भहिए वा, ३. संखेज्जगुणअब्भहिए वा, ४. असंखेज्जगुणअब्भहिए वा। ५. वण्ण, ६.गंध,७. रस, ८. फासपज्जवेहिं, ९. तिहिंणाणपज्जवेहिं, १०. तिहिं अण्णाणपज्जवेहिं ११. तिहिं दंसणपज्जवेहि य छट्ठाणवडिए।