________________
पुद्गल-कोश वा, दुपएसिए ति वा, तिपएसिए ति बा-जाव-असंखेज्जपएसिए ति वा, अगंतपएसिए ति वा, जे यावन्ने तहप्पगारा सत्वे ते पोग्गलस्थिकायस्स अभिवयणा।
-भग• श २० । उ २ । प्र८ । पृ. ७९२ पोग्गल, पोग्गलत्थिकाय, परमाणुपोग्गल, दुपएसिअ, तिपएसिअ, एवं यावत् असंखेज्जपएसिअ, अणंतपएसिअ आदि तथा उसी प्रकार के अनेक शब्द पोग्गल' के अभिवचन अर्थात् पर्यायवाची शब्द हैं।
विभिन्न प्रकार के स्कंधों के नाम भी पोग्गल के पर्यायवाची शब्द हैं, यथा-- कम्म, रत्त, मांस, अनेक प्रकार की पुढवी, धाउ, कट्ठ, सद्द, तम, उज्जोअ, छाया, ताव, आतव, मन, सीयोसिणीय लेस्सा आदि । ___रूपी, रूपी अजीव, रूपी अजीवद्रव्य- ये शब्द भी पुद्गल के पर्यायवाची हैं। रूपकायं भी पुद्गल का अभिवचन है। देखो
-भग० श ७ । उ १० । प्र १, २ । पृ० ५२७-२८
'०३ विभिन्न भाषाओं में 'पुद्गल' शब्द के अर्थ '०३१ प्राकृत भाषा में 'पोग्गल' शब्द के अर्थ
संज्ञापरिभाषिक अर्थ-रूपादि विशिष्ट द्रव्य (पु), मूतं द्रव्य (पु तथा नपु) सामान्य अर्थ-मांस ( नपु) दार्शनिक अर्थ-जीव का अभिवचन, जीव, आत्मन् (पु)
–पाइअ. पृ० ७६२ -भग० श ८ । उ १० । प्र ४५ । पृ० ५७४ -भग० श २० । उ २ । प्र ७ । पृ० ७९२
•०३.२ पाली भाषा में 'पुग्गल' शब्द के अर्थ
संज्ञासामान्य अर्थ-व्यक्ति ( दल, संघ, परिषद् से विपरीत ), जन, नर दार्शनिक अर्थ-चरित्र, आत्मन्, रागचरित्र, दोष, मोह, श्रद्धा, बुद्ध विशेष अर्थ-जीव, प्राणी बहुवचन-पुग्गला-लोग
--पाको• पकार खण्ड । पृ० ८५
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org