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पुद्गल-कोश रूप से उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल से षट्स्थान न्यूनाधिक है।
___ उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल से तिक्त रस पर्यायरूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित अधिक है। यदि न्यून है तो षट्स्थान न्यून है । यदि अधिक है तो षट्स्थान अधिक है। .
जिस प्रकार तिक्त रस पर्यायरूप से उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है वैसे ही कटु-कषायआम्ल-मधुर रस पर्यायरूप से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है।
उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल से शीत स्पर्श पर्याय रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है। यदि न्यून है तो षट्स्थान न्यून है। यदि अधिक है तो षट्स्थान अधिक है।
जिस प्रकार शीत स्पर्श पर्याय रूप से उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल से षस्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है वैसे ही उष्ण स्निग्धरूक्ष-स्पर्श पर्याय रूप से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है ।
अतः उत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल में अनंत पर्याय होते हैं । ।
अजधन्य-अनुत्कृष्ट ( मध्यम ) अवगाहनावाले पुद्गलों में अनंत पर्याय होते हैं । अजघन्य अनुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल अजघन्य-अनुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल अजघन्य-अनुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल से द्रव्य रूप से तुल्य होते हैं।
अजघन्य-अमुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल अजघन्य-अनुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल से प्रदेश रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित तुल्य है, कदाचित् अधिक है। यदि न्यून है तो षट्स्थान न्यून है। यदि अधिक है तो षट्स्थान अधिक है।
अजघन्य-अनुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल अजघन्य-अनुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल से अवगाहना रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । यदि न्यून है तो चतुःस्थान न्यून है। यदि अधिक है तो चतुःस्थान अधिक है।
अजघन्य-अनुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल अजघन्य-अनुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल से स्थिति रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है। यदि न्यून है तो चतुःस्थान न्यून है । यदि अधिक है तो चतु:स्थान अथिक है ।
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