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पुद्गल-कोश
(५) काले वर्ण से – तुल्य है ।
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(६) अवशेष वर्ण से - छःस्थान होनाधिक वा तुल्य ।
(७) गंध - रस - स्पर्श अपेक्षा से - षट्स्थान हीनाधिक वा तुल्य ।
जघन्य गुण कालेवर्णवाले द्विप्रदेशी स्कंध में भी वर्ण-गंध-रस-स्पर्श गुणों के पर्याय अनंत होते हैं अतः जघन्य गुण कालेवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध में भी इन अपेक्षाओं से अनंतपर्याय होते हैं - ऐसा निरूपण किया गया है ।
जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले ( एक गुण कृष्णवर्ण वाले ) द्विप्रदेशी स्कंध जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध में द्रव्य रूप से तुल्य होते हैं । प्रदेश रूप से भी तुल्य होते हैं ।
जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध जघन्य गुण कृष्णवर्णं वाले द्विप्रदेशी स्कंध से अवगाहना रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । यदि न्यून है तो एक प्रदेश न्यून है; यदि अधिक है तो एक प्रदेश अधिक है ।
जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध जघन्य गुण कृष्णवर्णं वाले द्विप्रदेशी स्कंध से स्थिति रूप से चतुःस्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है ।
जघन्य गुण कृष्णवर्णं वाले द्विप्रदेशी स्कंध जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध से कृष्णवर्ण पर्याय रूप से तुल्य है ।
जघन्य गुण कृष्णवर्णं वाले द्विप्रदेशी स्कंध जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध से नीलवर्ण पर्याय रूप से छःस्थान न्यूनाधिक अथवा तुल्य है ।
इसी प्रकार जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध से रक्त-पीत - शुक्लवर्ण पर्याय रूप से छःस्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है ।
जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशौ स्कंध जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध से सुगन्ध - दुर्गंध पर्याय रूप से, छःस्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है ।
जघन्य कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध जघन्य गुण कृष्णवर्ण वाले द्विप्रदेशी स्कंध से तिक्तकटुकषाय- आम्ल- मधुररस पर्याय रूप से छःस्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है ।
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