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पुद्गल-कोश
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चतुष्प्रदेशी स्कंध - १ कदाचित् चरम हैं, २ अचरम नहीं है, ३ कदाचित् अवक्तव्य है, ४ चरिम नहीं है, ५ अचरम नहीं है, ६ अवक्तव्य नहीं है. ७ चरम नहीं है और अचरम है, ८ चरम नहीं है तथा अचरम है, ९ कदाचित् चरम है तथा अचरम है, १० कदाचित् चरम है तथा अचरम है, ११ कदाचित् चरम है तथा अवक्तव्य है, १२ कदाचित् चरम है तथा अवक्तव्य है, १३ चरम नहीं है तथा अवक्तव्य है, १४ चरम नहीं है तथा अवक्तव्य है १५ अचरम नहीं है तथा अवक्तव्य है, १६ अचरम नहीं है तथा अवक्तव्य है, १७ अचरम नहीं है तथा अवक्तव्य है, १८ अचरम नहीं है तथा अवक्तव्य है, १९ चरम नहीं है, अचरम है तथा अवक्तव्य है, २० चरम नहीं है, अचरम है तथा अवक्तव्य है २१ चरम नहीं है, अचरम है तथा अवक्तव्य है, २२ चरिम नहीं है, अचरम है व अवक्तब्य है, २३ कदाचित् चरम है, अचरम है तथा अवक्तव्य है । शेष भंगो का प्रतिषेध करना चाहिए ।
नोट - 'पढमो तइओ य होइ दुपए से' अर्थात् पहला तथा तीसरा भंग द्विप्रदेशी स्कंध में होता है ।
तीन प्रदेशी स्कंध में पहला, तीसरा, नववां और ग्यारहवां भंग होता है ।
चतुः प्रदेशी स्कंध में पहला, तीसरा, नववां, दसवां, ग्यारहवां, वारहवां तथा तेइसवां - ये सात भांगे घटित होते हैं ।
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पंच प्रदेशी स्कंध – (१) कदाचित चरम है, २ अचरम नहीं है, ३ कदाचित् अवतव्य है, ४ चरम नहीं है, ५ अचरम नहीं है, ६ अवक्तव्य नहीं है, ७ कदाचित् चरम है तथा अचरम है, ८ चरम नहीं है तथा अचरम है, ९ कदाचित् चरम है, व अचरम है, १० कदाचित् चरम है तथा अचरम है, ११ कदाचित् चरम है तथा अवक्तव्य है, १२ कदाचित् चरम है तथा अवक्तव्य है, १३ कदाचित् चरम है तथा अवक्तव्य है, १४ चरम नहीं है तथा अवक्तव्य है, १५ अचरम नहीं है तथा अवक्तव्य है, १६ अचरम नहीं है तथा अवक्तव्य है, १७ अचरम नहीं है तथा अवक्तव्य है, १८ अचरम नहीं है तथा अवक्तव्य है, १९ चरम नहीं है, अचरम है तथा अवक्तव्य है २० चरम नहीं है, अचरम है तथा अवक्तव्य है, २१ चरम नहीं है, अचरम है तथा अवक्तव्य है, २२ चरम नहीं है, अचरम है तथा भवक्तव्य है, २३ कदाचित् चरम है. अचरम है तथा अवक्तव्य है, २४ कदाचित् चरम है, अचरम है तथा अवक्तव्य है, २५ कदाचित् चरम है, अचरम है तथा अवक्तव्य है, २६ कदाचित् चरम है, अचरम है तथा अवक्तव्य है |
नोट- पंच प्रदेशी स्कंध में पहला, तीसरा, सातवां, नववां, दसवां, ग्यारहवां,
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